एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 3 हुए अरेस्ट

नौकरी के लिए आवेदनकर्ताओं की जानकारी प्राप्त करने के पश्चात आरोपी आवेदनकर्ता से संपर्क करते और उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी लगवाने के बड़े-बड़े सपने दिखाते थे. आवेदनकर्ता बड़ी बड़ी कंपनी का नाम सुनकर लालच में आ जाते और आरोपियों के झांसे में फंस जाते थे.

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नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे लोगों से ठगी, गिरोह का पर्दाफाश
नई दिल्ली:

देश में बेरोजगारी का हाल ये है कि युवा ठगी का शिकार भी हो रहे हैं. अधूरी जानकारी की वजह से युवा नौकरी पाने की बजाय अपने बड़ों के जीवनभर की पूंजी खो देते हैं. फरीदाबाद में एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, एक महिला सहित 3 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.  इसी क्रम में लोगो को नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक महिला सहित गिरोह के 3 सदस्यों को फरीदाबाद के थाना साइबर अपराध की टीम ने दिनांक 10 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अभिषेक हिमांशु तथा आरोही (बदला हुआ नाम) का नाम शामिल है. इस मामले में इनका एक अन्य साथी भी शामिल है जो इस गिरोह का मुखिया है और जो अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. आरोपियों को अदालत में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई राज उगले हैं. आरोपी भारत के विभिन्न  राज्यों  में 300 से अधिक धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.

लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए आरोपियों ने बहुत ही नायाब तरीका अपनाया हुआ था. ये लोग  quikr.com एक ऐसी वेबसाइट है जो लोगों को नौकरी दिलाने में सहायता करती है जहां पर नौकरी की तलाश में कोई भी व्यक्ति अपना बायोडाटा उस वेबसाइट पर अपलोड कर सकता है. जिस किसी कंपनी में भी नौकरी के लिए वर्करों की आवश्यकता होती है उस कंपनी की जानकारी प्राप्त करके आवेदनकर्ता उसकी आवश्यकता अनुसार नौकरी प्राप्त कर सकता है.

आरोपियों ने भी इसी वेबसाइट का फायदा उठाकर उन व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित करते थे, जिन्हें नौकरी की आवश्यकता होती है. आरोपियों ने बताया कि वर्ष 2020 में लॉकडाउन के पश्चात इन्होंने इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया था. इसके लिए आरोपियों ने दिल्ली के गाजापुरी एरिया में अपना एक कॉल सेंटर खोल रखा था. आरोपी अभिषेक प्रतिदिन 50 लोगों को कॉल करके लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था. महिला आरोपी आरोही इस कंपनी में मैनेजमेंट का कार्य करती थी और वहीं इस गैंग का मुखिया, इनका चौथा साथी इस कंपनी का मालिक है जो इन्हें हर आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाता है.

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नौकरी के लिए आवेदनकर्ताओं की जानकारी प्राप्त करने के पश्चात आरोपी आवेदनकर्ता से संपर्क करते और उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी लगवाने के बड़े-बड़े सपने दिखाते थे. आवेदनकर्ता बड़ी बड़ी कंपनी का नाम सुनकर लालच में आ जाते और आरोपियों के झांसे में फंस जाते थे. शुरुआत में आरोपी आवेदनकर्ता से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2500 रुपए चार्ज करते और बाद में आरोपी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नेशनल करियर सर्विस या डिजिटल करियर सर्विस के नाम से बनाई गई अपनी फर्जी ईमेल आईडी से आवेदनकर्ता को ई-मेल भेजकर रजिस्ट्रेशन फीस, ऑनलाइन इंटरव्यू, अप्वाइंटमेंट लेटर व अन्य सेवाओं के नाम पर अलग-अलग रकम अपने फर्जी बैंक खातों में डलवा लेते थे. इसी प्रकार से धोखाधड़ी करते हुए आरोपियों ने फरीदाबाद के सेक्टर 58 निवासी संजना से भी 88600 रुपए ऐंठ लिए जिसकी शिकायत पीड़िता ने फरीदाबाद के थाना साइबर अपराध में की जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व षड्यंत्र रचने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी.

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इस मामले में पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा के मार्गदर्शन में जल्द से जल्द आरोपियों की धरपकड़ करने लिए थाना साइबर अपराध प्रबंधक प्रभारी बसंत कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम का गठन किया गया जिसमें सहायक उप निरीक्षक राहुल, प्रमोद, बाबू राम, महिला सहायक उप-निरीक्षक गीता, प्रधान सिपाही चरण,नरेश,लोकेश, देवेंद्र, सिपाही कृष्ण,अंशुल तथा धर्मेंद्र का नाम शामिल था. 

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पुलिस टीम ने कड़ी मशक्कत करते हुए इस गिरोह के तीन सदस्यों को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपियों ने इस प्रकार  पूरे भारतवर्ष में 300 से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया है, जिसके बारे में संबंधित पुलिस थानों को सूचित किया जा रहा है. आरोपियों के फर्जी खातों में पिछले 1 वर्ष के अंदर लगभग 70 लाख रुपए का लेनदेन होना पाया गया है, जिसके बारे में पुलिस जांच कर रही है. आरोपियों के कब्जे से 14 मोबाइल, 12 सिम कार्ड, 5 कंप्यूटर और ₹16000 नकद बरामद किए गए हैं. पूछताछ पूरी होने के पश्चात तीनों आरोपियों को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया है तथा इनके चौथे साथी को पुलिस द्वारा तलाश करके जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
 

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