गिराया जाएगा 124 साल पुराना मुंबई का ये मशहूर बंगला, BMC ने चस्पा किया नोटिस; कोर्ट पहुंचे मालिक

एक समय इसे “तलाटी बंगले” के नाम से जाना जाता था, जो सोराबजी तलाटी के पारसी परिवार के नाम पर रखा गया था, वो कभी इसके मालिक थे. ये वर्सोवा में मूल, “सात बंगला” के बचे अंतिम दो में से एक है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मुंबई:

मुंबई में 'सात बंगला' नाम से एक इलाका बेहद मशहूर है, क्योंकि क़रीब 124 साल पहले यहां सात बंगले बने थे, अब दो बचे हैं. उनमें से एक को गिराने का नोटिस चिपक चुका है. समंदर तट के क़रीब बने इस बंगले में, विशाल छत वाले कई कमरे, रंगीन कांच के काम वाला राजसी हॉल, इटालियन संगमरमर का फ़र्श, बसौल्ट स्टोन की फ्लोरिंग और '1900 ईस्वी' में निर्माण का सबूत देता एक कुआं भी है, जो जल्द ही इतिहास बन जाएगा.

बीएमसी ने 29 फरवरी को रतन कुंज नाम की इस संपत्ति को ख़ाली करने और इसे गिराये जाने का नोटिस मालिकों को जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि संरचना 'खंडहर स्थिति' में है और इसके 'गिरने की संभावना' है.

नोटिस बीएमसी की तकनीकी सलाहकार समिति के निष्कर्षों पर आधारित है, लेकिन संपत्ति के सह-मालिक यानी को-ओनर्स शालू राहुल बरार और उनके दो बेटे इसके पीछे साज़िश देख रहे हैं, इसीलिए उन्होंने अदालत का रुख़ किया है.

रतन कुंज के सह मालिक शालू बरार ने कहा, “नोटिस चिपकाया 29 फ़रवरी को, लेकिन ऑर्डर 2 तारीख़ का है. तो हमें एक्शन लेने का सही समय नहीं दिया. हम कोर्ट पहुंचे हैं, पूरी उम्मीद है कि हमारी सुनेंगे. मेरी पूरी ज़िंदगी यहां बीती है, ऐसे में कहां जाएंगे. मैंने अपने पति को डेढ़ साल पहले खोया था. वो कुल छह भाई थे. सभी अलग-अलग विचार रखते हैं, लेकिन हम इस धरोहर को नहीं खोना चाहते.”

वहीं एक और सह मालिक ध्रुव बरार ने कहा, “हमारे ऑडिट और इंटैक आर्ट रिपोर्ट में इस प्रॉपर्टी को प्रिज़र्व करने की बात कही गई है, माइनर रिपेयर बोला है, लेकिन सीधे गिराने का नोटिस बड़ा झटका है हमारे लिए. हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे.”

एक समय इसे “तलाटी बंगले” के नाम से जाना जाता था, जो सोराबजी तलाटी के पारसी परिवार के नाम पर रखा गया था, वो कभी इसके मालिक थे. यह वर्सोवा में मूल, “सात बंगला” के बचे अंतिम दो में से एक है.

बताया जाता है कि वर्सोवा में “सात बंगले” 1896 में शहर में प्लेग की चपेट में आने के बाद बनाया गए थे. ग्वालियर के महाराजा, कच्छ के महाराजा, दादाभाई नौरोजी, स्कॉलर रुस्तम मसानी, सोराबजी तलाटी, चिनाईस और खंबाटास इसके मूल मालिक थे.

Advertisement

परिवार का कहना है विकास के साथ-साथ ऐसे घरोहरों को संजोना भी अहम है. इसलिए ऐसी संरचनाएं जो प्रारंभिक “हेरिटेज सूची” में छूट गई थीं, उन्हें शामिल करना चाहिए.

सह मालिक वेदान्त बरार ने कहा, “यूके या ऐसे देशों में हम पुराने ऐतिहासिक ढांचे देखकर तारीफ़ करते हैं, ख़ुश होते हैं और अपने देश में 124 साल पुराने इतने कमाल के आर्किटेक्चर को तोड़ना चाहते हैं. हेरिटेज सूची में प्रॉपर्टी शामिल करके इसे बचायें. ये सरकार से निवेदन है. विकास करिए लेकिन इतिहास को संजोइये. यहां तो कई फ़िल्मों की शूटिंग भी हुई है. इम्तियाज़ अली की फ़िल्म के साथ कई अलग-अलग फ़िल्म सीरियल ऐड की शूटिंग हुई है. इन यादों और ख़ूबसूरती को मत मिटाइये.”

मुंबई में “सात बंगले” के नाम से यहां की सड़क को पहचाना जाता है, उन सात बंगलों में अब बस दो ही बचे हैं, और उन दो में से अब एक पर उसे गिराए जाने का नोटिस चिपक चुका है. कई मालिकों में से तीन सदस्यों का ये परिवार अंत तक लड़ाई लड़ने की ठान चुका है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर मिसाइल दागकर Vladimir Putin ने मददगारों को धमकाया | NDTV India
Topics mentioned in this article