CLAIM बिहार के बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं के ऊपर लाठीचार्ज हो रहा है.
FACT CHECK वायरल वीडियो अप्रैल 2024 में नेपाल के भद्रकाली में आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा बौद्ध भिक्षु पर बल प्रयोग का है.
सोशल मीडिया पर बौद्ध भिक्षु पर लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल है. वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बिहार के बोधगया में महाबोधि मंदिर के प्रबंधन को लेकर जारी भिक्षुओं के आंदोलन के दौरान बौद्ध भिक्षु को पुलिस द्वारा पीटा गया. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अप्रैल 2024 में नेपाल के भद्रकाली में आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा बौद्ध भिक्षु पर बल प्रयोग का है. 12 फरवरी 2025 से बिहार के बोधगया में बौद्ध भिक्षु धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वे बोधगया टेंपल एक्ट को खत्म किए जाने की मांग कर रहे हैं. भिक्षुओं की मांग है कि बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सभी सदस्य बौद्ध हों.
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'बुद्धों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, महाबोधि मुक्ति आंदोलन'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो वायरल है.
फैक्ट चेक वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. सर्च के दौरान हमने वायरल वीडियो के विजुअल के साथ नेपाल की मीडिया में प्रकाशित कई खबरें मिलीं. नेपाल के स्थानीय मीडिया चैनल सगरमाथा के यूट्यूब चैनल पर 7 अप्रैल 2024 को अपलोड किए गए वीडियो में वायरल वीडियो के विजुअल को देखा जा सकता है.
नेपाली न्यूज पोर्टल खबर दाबली की 9 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल की राजधानी काठमांडू के भद्रकाली में राष्ट्रीय क्रांति दल द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने एक बौद्ध भिक्षु पर भी बल प्रयोग कर दिया था. न्यूज पोर्टल My Republica की 8 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बाद नेपाल के तत्कालीन गृहमंत्री रबी लाछिमाने एवं पुलिस विभाग की व्यापक आलोचना हुई थी. रिपोर्ट में पुलिसकर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बात भी की गई है.
आल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के राष्ट्रीय महासचिव ने लाठीचार्ज के दावे का किया खंडन
इसके अलावा हमने बोधगया आंदोलन पर लाठीचार्ज के दावे पर ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के राष्ट्रीय महासचिव आकाश लामा से बात की. उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए बूम को बताया "हमें प्रशासन ने मंदिर परिसर में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी. 27 फरवरी को पुलिस ने स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के नाम पर प्रदर्शनकारी बौद्ध भिक्षुओं को मंदिर परिसर से जबरदस्ती हटा दिया. आंदोलन में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की कोई घटना नहीं हुई है. हमारा प्रदर्शन दोमुहान नामक स्थान पर जारी है." आगे उन्होंने बताया कि बौद्ध भिक्षु 12 फरवरी 2025 से प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं, उनकी मांग है कि बोधगया टेंपल ऐक्ट 1949 को खत्म किया जाए, मंदिर कमेटी में बौद्ध ही रहें.
यह खबर मूल रूप से BOOM द्वारा प्रकाशित की गई थी, और इसे शक्ति कलेक्टिव के अंतर्गत NDTV ने पुनर्प्रकाशित किया है.