सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है. तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह 26 जनवरी को लाल किले पर हुई परेड के दौरान की है. विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बनाई गई है.
क्या हो रहा है वायरल ?
फेसबुक यूजर अंजली चौहन ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “नरेंद्र मोदी, एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर की लाल किले से 26 जनवरी की परेड देखते हुए तस्वीर.”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें.
पड़ताल
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया. लेकिन हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से भी सर्च किया. हमें दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली.
तस्वीर को गौर से देखने पर हमने पाया कि तस्वीर में कई खामियां है. महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर की आंखें सही नहीं है. जबकि प्रधानमंत्री मोदी के अंगूठे की बनावट सही नहीं है.
हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए फोटो को एआई की मदद से बने मल्टीमीडिया की जांच करने वाले टूल्स की मदद से सर्च किया. हमने हाइव मॉडरेशन की मदद से भी फोटो को सर्च किया. इस टूल ने फोटो के 98 फीसदी तक एआई जेनरेटेड होने की संभावना बताई.
हमने एक अन्य टूल की मदद से तस्वीर को एक बार फिर सर्च किया। हमने डी कॉपी की मदद से तस्वीर को सर्च किया. इस टूल ने भी फोटो को 92 फीसदी तक एआई जेनरेटेड होने की संभावना जताई.
हमने एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया. उन्होंने तस्वीर को एआई टूल्स की मदद से बनाया हुआ बताया है.
देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन देश में बड़ा जश्न मनया जाता है. सबसे पहले देश के राष्ट्रपति कर्तव्य पथ पर तिरंगा फराते हैं. फिर परेड का आयोजन किया जाता है. जबकि 15 अगस्त यानी की स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लालकिले पर ध्वजारोहण करते हैं.
अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया. हमने पाया कि यूजर के चार हजार से ज्यादा मित्र हैं.
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी, धोनी और सचिन की 26 जनवरी के कार्यक्रम की तस्वीर को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है. असल में वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बनाई गई है.
यह ख़बर मूल रूप से विश्वास न्यूज द्वारा प्रकाशित की गई थी, और इसे शक्ति कलेक्टिव के अंतर्गत NDTV ने पुनर्प्रकाशित किया है.