जान से मारने की धमकी मिल रही है : सुप्रीम कोर्ट में बोले फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर

ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर और फैक्ट चैकर मोहम्मद जूबैर को कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जूबैर न तो देश छोड़कर बाहर जाएंगे और न ही किसी तरह का ट्वीट करेंगे.

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ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर के जमानत मिली.

ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर और फैक्ट चैकर मोहम्मद जूबैर को कुछ शर्तों के साथ अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पांच दिनों के लिए अंतरिम जमानत इस शर्त पर दी है कि वे इस मामले से संबंधित किसी तरह का न तो ट्वीट करेंगे और न ही देश छोड़कर बाहर जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को नोटिस देकर जवाब भी मांगा है. बता दें कि जुबैर को यूपी की सीतापुर पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज केस को लेकर गिरफ्तार किया था.

गौरतलब है कि मोहम्मद जुबैर द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जुबैर ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को भी चुनौती दी गई है जिसमें उन्होंने एक ट्वीट के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया था. मोहम्मद जूबैर ने अपने ट्वीट में कथित तौर पर तीन हिंदू संतों को " नफरत फैलाने वाले” कहकर बुलाया था.

मोहम्मद जुबैर की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजाल्विस ने सुनवाई के दौरान कहा कि जुबैर जूडी़शियल कस्टडी में हैं या पुलिस कस्टडी में इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता पर सवाल ये कि ज़ुबैर के ख़िलाफ़ कोई केस ही नहीं बनता है. कोलिन ने कहा कि जुबैर ने ये बात स्वीकार की है कि उसने ही ये ट्वीट किए हैं फिर पुलिस हिरासत क्यों चाहती है?

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जुबैर के ट्वीट के मद्देनज़र एडवोकेट कोलिन का कहना था कि जिन्होंने सांप्रदायिक टिप्पणियाँ की हैं उसे बस उजागर किया गया है. जुबैर ने किसी धर्म के ख़िलाफ़ कोई टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने हेट स्पीच दी हैं वो तो बेल पर बाहर हैं, और जुबैर ने उन्हें नफ़रत फ़ैलाने वाले कहकर कुछ ग़लत नहीं किया है.”

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कोलिन ने कहा कि हेट स्पीच देने के लिए पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया औऱ फिर ये लोग जमानत पर बाहर आने के बाद फिर नफ़रत भरे बयान दे रहे हैं. वरिष्ठ वकील कोलिन ने कहा,”मैंने तो स्वीकार किया है कि मैंने वो ट्वीट किए हैं, फिर भी पुलिस मेरा मोबाइल और लैपटॉप बरामद करना चाहती है. इसलिए ही मैं सुप्रीम कोर्ट से माँग करता हूं कि मेरे ख़िलाफ़ किए गए केस को ख़ारिज किया जाए. मैने उनके द्वारा दिए नफ़रत भरे बयानों का पर्दाफ़ाश किया तो मैं जेल में हूं और जिन्होंने वो नफ़रत भरे बयान दिए वो बेल पर बाहर हैं.”

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एडवोकेट कॉलिन ने कहा,”मैं तो संविधान को बचाने की कोशिश कर रहा हूं क्या इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं? मैं Alt news के लिए काम करता हूं जो लगातार नफ़रत भरे बयान देने वालों को सामने लाने का काम कर रहा है. मेरी जान को ख़तरा है, मुझे जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. मेरे ख़िलाफ़ धारा 295 A (जो धार्मिक भावनाएं आहत करने की धारा है ) की तहत मुक़दमा दर्ज़ किया है . लेकिन मैंने किसी की धार्मिक भावनाएँ आहत नहीं की बल्कि जिन्होंने धार्मिक भावनाएँ आहत की हैं उनको उजागर किया है.”

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इससे पहले पुलिस की तरफ से सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा,”इन्होंने (जुबैर) बहुत सारे तथ्य छुपाए हैं. ये फ़ैक्ट चेक वेबसाइट चलाते हैं और इनके ट्वीट के बाद सीतापुर में क़ानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी.”

एसजी तुषार मेहता ने कहा,” इनके पीछे पूरा एक सिंडिकेट काम कर रहा है  औऱ इन्हें विदेश से पैसा मिलने की बात भी सामने आई है.  इन्हें भारत के दुश्मन देशों से पैसा मिला है और  इसकी जांच चल रही है.  मैं सिर्फ़ इतना कह रहा हूं कि इनके बयान के बाद यूपी में क़ानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई. मैं यति नरसिंहानंद या बजरंग मुनि को नहीं बचा रहा.  उन्हे तो पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.”

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