विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में अफगान सिख शरणार्थियों से की मुलाकात, बहु प्रवेश वीजा का रखा विचार

विदेश मंत्री एस जयशंकर भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत कई पार्टी नेताओं के साथ पश्चिम दिल्ली के महावीर नगर स्थित गुरु अर्जुन देव गुरुद्वारा गए, जहां उन्होंने शरणार्थियों से मुलाकात की.

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नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर चलाए जा रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क अभियान के तहत बृहस्पतिवार को पश्चिमी दिल्ली में अफगान सिख शरणार्थियों से मुलाकात की और कहा कि उन लोगों को बहु प्रवेश वीजा देने का ‘‘अच्छा आधार'' बनता है जो अपनी संपत्तियों और गुरुद्वारों की देखभाल के लिए अफगानिस्तान वापस जाना चाहते हैं.

जयशंकर भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत कई पार्टी नेताओं के साथ पश्चिम दिल्ली के महावीर नगर स्थित गुरु अर्जुन देव गुरुद्वारा गए, जहां उन्होंने शरणार्थियों से मुलाकात की. पूर्व नौकरशाह ने सिख शरणार्थियों की नागरिकता की स्थिति, पासपोर्ट और उनके बच्चों की स्कूली शिक्षा के संबंध में उनकी चिंताओं पर गौर करने का भी वादा किया. जयशंकर ने शरणार्थियों से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनकी चिंताओं को सुनना चाहता था. उन्होंने अपनी समस्याएं बताईं- कुछ लोग वापस जाना चाहते हैं क्योंकि वहां उनकी संपत्ति है. वे वहां गुरुद्वारों को लेकर भी चिंतित हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि उनके पास अफगानिस्तान की यात्रा करने और वापस आने की अनुमति दिए जाने का उचित आधार है और उन्हें बहु या दोहरे, तिहरे- प्रवेश वीजा की अनुमति दी जानी चाहिए. एक और समस्या यह है कि उनकी नागरिकता के मामले को कैसे आगे बढ़ाया जाए क्योंकि कुछ लोग इसका इंतजार कर रहे हैं.'' मंत्री ने कहा कि उन्हें कुछ ऐसे शरणार्थी मिले, जिन्होंने अपने बच्चों की वजह से भारतीय नागरिकता ले ली, लेकिन बाद में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा.

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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए. प्रणाली उनकी मदद करने के बजाय उन पर और अधिक बोझ डालती है.'' जयशंकर ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अगर यह कानून नहीं होता, तो उनका क्या होता. यह राजनीति का मामला नहीं है, यह मानवता का मामला है.'' उन्होंने कहा कि अफगान सिख शरणार्थियों को अफगानिस्तान में अपने हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता था. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी मांगों और चिंताओं को दूर करने के लिए निश्चित रूप से हर संभव कोशिश करेंगे.''

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जयशंकर यह भी बताया कि सभी शरणार्थी भारतीय पासपोर्ट नहीं चाहते और कुछ अपने पिछले पासपोर्ट को बरकरार रखना चाहते हैं और अन्य ने इसके लिए कहीं और आवेदन किया था. भाजपा ने जयशंकर और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को केंद्र सरकार के नौ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए दिल्ली के सात लोकसभा क्षेत्रों में एक महीने के संपर्क अभियान की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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