भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी, 2024 के बाद अपने खातों या वॉलेट में नई राशि जमा करना स्वीकार करना बंद करने का आदेश दिया. पेटीएम पेमेंट्स बैंक देश की सबसे बड़ी पेमेंट फर्मों में से एक पेटीएम (Paytm) का हिस्सा है.
आरबीआई की ओर से बताया गया है कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम नई जमा राशि नहीं ले सकेगा. वह क्रेडिट लेनदेन की सुविधा, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सुविधा सहित फंड ट्रांसफर करने की सुविधा नहीं दे सकेगा.
आरबीआई के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल ने एक बयान में कहा, "29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में कोई और जमा या क्रेडिट लेनदेन या टॉप अप की, किसी भी ब्याज, कैशबैक या रिफंड के अलावा इजाजत नहीं दी जाएगी. “
बयान में कहा गया है कि पेटीएम के ग्राहक बचत बैंक खातों, चालू खातों, प्रीपेड साधन, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी कर सकेंगे. उन्हें उनकी उपलब्ध शेष राशि बिना किसी प्रतिबंध के दी जाएगी.
आरबीआई ने मार्च 2022 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक से नए ग्राहकों को जोड़ना बंद करने के लिए कहा था. उसने यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया. इन रिपोर्टों से पेमेंट बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं थीं.
रिजर्व बैंक ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत की गई.
वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL) के सहयोगी पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने कहा कि वह आरबीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए "तत्काल कदम" उठा रहा है.
पेटीएम ने कहा, ‘‘ओसीएल एक भुगतान कंपनी के रूप में विभिन्न भुगतान उत्पादों पर विभिन्न बैंकों (सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक नहीं) के साथ काम करती है. प्रतिबंध से ओसीएल ने अन्य बैंकों के साथ काम करना शुरू कर दिया. अब हम योजनाओं में तेजी लाएंगे और पूरी तरह से अन्य बैंक साझेदारों की ओर बढ़ेंगे. भविष्य में ओसीएल केवल अन्य बैंकों के साथ काम करेगा, पीपीबीएल के साथ नहीं.''
पेटीएम पेमेंट्स बैंक की करीब सभी सेवाएं 29 फरवरी के बाद बंद करने के आरबीआई के आदेश से कंपनी के वार्षिक परिचालन लाभ पर 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ने की आशंका है.
पेटीएम ने कहा है कि, ‘‘इस कदम से कंपनी की वार्षिक कर पूर्व आय पर 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ने की आशंका है. हालांकि कंपनी को उम्मीद है कि वह अपनी लाभप्रदता में सुधार के पथ पर आगे बढ़ती रहेगी.''