INDIA गठबंधन में बीते कुछ समय से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है.स्थिति कुछ ऐसी हो चुकी है कि अब इस गठबंधन के तहत आने वाले तमाम अलग-अलग दल के नेता कांग्रेस पर हमला करते दिख रहे हैं. ये नेता गठबंधन की 'कमजोर' होती स्थिति के लिए भी एक हद तक कांग्रेस को ही जिम्मेदार बता रहे हैं. उनका मानना है कि कांग्रेस की वजह से गठबंधन पहले की तरह एक बैनर के तले मजबूती से खड़ा नहीं दिख रहा है. कुछ दिन पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि गठबंधन को मजबूत बनाए रखने के लिए चाहिए एक बार फिर बैठक बुलाई जाए.
संजय राउत ने भी जताई चिंता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिवसेना यूबीटी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी INDIA गठबंधन की बैठकें ना होने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था. हमें उस चुनाव में बेहतर नतीजे भी मिले थे. लोकसभा चुनाव के बाद हमारी और खासर कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि इंडिया गठबंधन को और मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जाए. होना तो ये चाहिए था कि साथ बैठकर आगे का रास्ता दिखाया जाए, वैसी प्लानिंग की जाए. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद से लेकर अब तक गठबंधन की एक भी बैठक नहीं हो पाई है. INDIA के लिए ये सही नहीं है. गठबंधन के अंदर अगर दलों में आपसी दूरी है तो इसके लिए कुछ हद तक कांग्रेस ही जिम्मेदार है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई समन्वय या चर्चा तक नहीं हो रही है.
दिल्ली में भी दिखी दरार
INDIA गठबंधन के अंदर आपसी खींचतान दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही बाहर आ गई है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं वहीं इस चुनाव में INDIA गठबंधन के अलग-अलग दल कांग्रेस को छोड़ आम आदमी पार्टी को समर्थन देते नजर आ रहे हैं. कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी और टीएमसी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का साथ देने की बात कही थी. दिल्ली के इस चुनाव में कांग्रेस अपने बलबूते चुनाव तो लड़ रही है लेकिन अगर बात गठबंधन की करें तो वो अलग-थलग दिख रही है.
केजरीवाल ने भी दिया था बयान
कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की घोषणाओं के संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया था कि इस चुनाव में आप कांग्रेस को कैसे देखते हैं तो उन्होंने कहा था कि आप लोग ही हैं (मीडिया) जो कांग्रेस को सीरियसली लेते हैं, जनता ने तो काफी पहले ही कांग्रेस को गंभीरता से लेना छोड़ दिया है.
उमर अब्दुल्ला ने भी काफी कुछ कहा था
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कुछ दिन पहले कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें गठबंधन के सभी सदस्यों की बैठक बुलानी चाहिए. यदि यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए था तो इसे खत्म कर देना चाहिए. और गठबंधन के खत्म करने के बाद हम अलग-अलग काम करें. और अगर ये विधानसबा चुनावों के लिए भी है तो हमें एक साथ बैठना होगा और आगे की योजना पर काम करना होगा.
आपको बता दें कि बीते कुछ समय में उमर अब्दुल्ला और संजय राउत अकेले ऐसे नेता नहीं है जिन्होंने INDIA गठबंधन को लेकर इस तरह का बयान दिया है. बीते कुछ समय में गठबंधन की धूमिल होती महत्ता को लेकर अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी भी समय-समय पर ऐसे बयान देते रहे हैं.