एग्जिट पोल (Exit Poll of Lok Sabha Election 2024) के नतीजे आ गए हैं. अगर इन नतीजों पर विश्वास किया जाए तो देश में एक बार फिर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार बनती हुई नजर आ रही है. एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक बीजेपी के नेतृ्त्वा वाला एनडीए (NDA) गठबंधन 361 सीटें जीत रहा है.वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन के खाते में 145 सीटें जाती हुई दिखाई दे रही हैं.अन्य के खाते में 38 सीटें दिखाई गई हैं. इस बार का चुनाव कई मामलों में अहम रहा. एनडीए ने जहां पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी के नाम पर वोट मांगा, वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन ने संविधान और आरक्षण बचाने के नाम पर जनता के बीच में था. एनडीए उन राज्यों में भी अच्छा प्रदर्शन करती हुई नजर आ रही है, जहां पहले उसका खाता नहीं खुलता था.इनमें तमिलनाडु और केरल शामिल हैं.
नरेंद्र मोदी की गारंटी पर विश्वास?
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहा था. बीजेपी ने मोदी की गारंटी का नारा दिया था. एग्जिट पोल के नतीजों को देखने से लगता है कि देश की जनता ने नरेंद्र मोदी की गारंटी पर विश्वास किया है. क्योंकि इस नारे का असर दक्षिण भारत के उन राज्यों में भी नजर आ रहा है, जहां बीजेपी शून्य पर थी.इसमें द्रविड़ आंदोलन के गढ़ तमिलनाडु और वामपंथ के एकमात्र गढ़ केरल में बीजेपी कुछ सीटें जीतती हुई नजर आ रही है.
Exit Poll के Poll of Polls के मुताबिक तमिलनाडु में एनडीए तीन सीट जीतती हुई नजर आ रही है. वहीं केरल में भी एनडीए को एक सीट मिलती नजर आ रही है.
दक्षिण भारत के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की मेहनत
बीजेपी ने दक्षिण का किला फतह करने के लिए काफी मेहनत की है. प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर दिए आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 और 17 अप्रैल 2024 के बीच दक्षिण भारत के राज्यों की 146 बार यात्रा की.इन यात्राओं की एक तिहाई यात्रा उन्होंने अंतिम के तीन सालों में की.प्रधानमंत्री की दक्षिण भारत में की गईं ये यात्राएं बताती हैं कि बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी पताका फहराने के लिए कितना प्रयास कर रही थी. दक्षिण भारत बीजेपी के लिए कितना महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के बाद यात्रा के लिए तमिलनाडु को चुना वो वहां दो दिन तक रहे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का यह प्रयास तमिलनाडु और केरल के एग्जिट पोल के नतीजों में देख सकते हैं.
वहीं विपक्षी कांग्रेस को 2019 के चुनाव में सबसे अधिक सीटें दक्षिण भारत के राज्यों से ही आई थीं. तमिलनाडु में कांग्रेस का डीएमके से समझौता है. डीएमके वहां सरकार चला रही है. इसके अलावा वह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में अकेले ही चुनाव लड़ रही है. इनमें से दो राज्यों कर्नाटक और तेलंगाना में उसकी सरकार है. वहीं केरल में वह वाम मोर्चा से मुकाबला कर रही है. वहीं वाम मोर्चा देश के बाकी के हिस्से में कांग्रेस की सहयोगी है. लगता है जनता को इस कंफ्यूजन ने और कंफ्यूज किया है.
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