राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी ने जब संसद में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिये जाने पर बोलने शुरू किया, तो विपक्ष के नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. जयंत चौधरी ने NDTV से खास बातचीत करते हुए कहा कि क्या मुझे चौधरी चरण सिंह के बारे में सदन में 2 मिनट बोलने के लिए नहीं मिलेंगे? जयंत चौधरी ने शनिवार को कहा कि ‘धरतीपुत्र' चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न' देने भर से किसानों की समस्याओं व उनकी चुनौतियों का समाधान नहीं निकलता है लेकिन इससे आने वाले सालों में झोपड़ियों में पैदा होने वाले व्यक्ति को भी चौधरी चरण सिंह बनने, ‘भारत रत्न पा सकने और अपनी समस्याओं के समाधान करने का हौसला जरूर मिलेगा.
...तो खलल नहीं डालनी चाहिए थी
ऐसा क्या हुआ कि जयंत चौधरी बोलने के लिए संसद में खड़े हुए और उनके साथी उनका विरोध करने लगे? इस पर जयंत चौधरी ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं नहीं समझता कि क्या हुआ. ये बात तो आपको उनसे ही पूछनी चाहिए... क्यों इतने गर्म हुए... क्या उनको हाई ब्लड प्रेशर है, उनको जांच करानी चाहिए, क्योंकि आज ऐसा कोई विषय नहीं था. पक्ष और विपक्ष में हमें बंटना नहीं चाहिए था. ये देश के लिए बेहद गर्व और गौरव की बात है, खुशी की लहर है पूरे देश में, जमीनी लोगों को भारत रत्न मिला है. डॉ. एमएस स्वामिनाथन का नाम सिर्फ कृषि वैज्ञानिक ही नहीं, देश का किसान भी जानता है. वहीं, पीवी नरसिम्हा राव जी ने देश में इकोनॉमी रिफॉर्म करके तरक्की के रास्ते आम लोगों के लिए खोले थे. चौधरी चरण सिंह जी देश के नायक रहे. ऐसे में जब मैं चौधरी चरण सिंह के बारे में कुछ कह रहा था, तो उन्हें खलल नहीं डालनी चाहिए थी.
क्या कारण है कि वो नहीं चाहते कि मैं बोलूं?
विपक्ष का यह भी कहना है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिये जाने के लिए राजनीति है. इस पर जयंत चौधरी ने कहा, "देखिए, मैंने सभापति से गुजारिश की थी कि मैं चौधरी चरण सिंह के बारे में सदन में कुछ बोलना चाहता हूं. मेरी गुजारिश को मान लिया गया. मैं चौधरी चरण सिंह का पोता हूं, मैं उनकी विचारधारा से भी जुड़ा हूं... क्या मुझे चौधरी चरण सिंह के बारे में सदन में 2 मिनट बोलने के लिए नहीं मिलेंगे? क्या कारण है कि वो नहीं चाहते कि मैं बोलूं? ये चेयर तय करेगा कि कौन कहां बैठेगा और कितना बोलेगा."
चौधरी चरण सिंह की विरासत को लोग नहीं समझ पा रहे...
ऐसी चर्चा है कि जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल, एनडीए में शामिल होने जा रही है, इसलिए चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया जा रहा है. जयंत चौधरी ने कहा, "कल को मैं यह घोषित कर दूं कि मैं और मेरी पार्टी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने जा रही है, तो क्या मुझे चौधरी चरण सिंह के बारे में बोलने नहीं दिया जाएगा! चौधरी चरण सिंह की विरासत को लोग नहीं समझ पा रहे... ये कितना बड़ा मौका है, ये चीजें बार-बार नहीं होती हैं. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया जा रहा है और इस मौके को भी हम एक चुनाव तक उनको सीमित करना चाह रहे हैं.
अखिलेश यादव भले और नेक इंसान
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी की साथ चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा अंतिम चरण में पहुंच गई थी, फिर ऐसा क्या हुआ कि जयंत पाला बदलने का विचार कर रहे हैं? उन्होंने कहा, "क्या हुआ और क्या नहीं हुआ... वो सारी बातें मैं आज उजागर नहीं कर पाऊंगा. मैं उनकी भी आलोचना नहीं करता, वो भले और नेक इंसान हैं. जब हम दोनों कमजोर स्थिति में थे, तब हम लोगों ने साथ काम किया. इससे पहले भी हम दोनों परिवारों के पीढ़ी दर पीढ़ी संबंध रहे हैं. मैं आगे भी उनका सम्मान करता रहूंगा.
'इंडिया' गठबंधन को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि हम उनकी आलोचना नहीं करेंगे. वे अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है.
ये भी पढ़ें :-