एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल पूरी तरह उफान पर है. सभी राजनीतिक दल तैयारियों को मूर्त रूप देने में लगे हुए हैं. इस बीच एक दल ऐसा भी है, जिसके परफॉर्मेंस को लेकर एक रहस्य बना हुआ है. दरअसल हम ऑल इंडिया मजलिस-ए-एत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बात कर रहे हैं. क्योंकि ओवैसी की पार्टी 'भागीदारी परिवर्तन मोर्चा' के तहत 403 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. लेकिन यूपी चुनाव में कहा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ की सीधी लड़ाई सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ है. ऐसे में कई तरह के सवाल उठना लाजमी है.
इन्हीं कुछ सवालों पर असदुद्दीन ओवैसी ने NDTV से खास बातचीत की. उन्होंने तीसरे मोर्चे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, "हमने बाबू सिंह कुशवाहा और वामन मेश्राम के साथ तीसरा मोर्चा बनाया है, अगर हमारा मोर्चा जीता तो हम बाबू सिंह कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाएंगे.
सवाल- आप बहुत पहले से चुनावी कैंपेन कर रहे हैं, लेकिन आपको क्यों लगता है कि जनता आपको वोट देगी?
जवाब- हम लोग सिर्फ चुनाव के करीब आकर प्रचार या मेहनत नहीं कर रहे हैं. पिछले पांच साल पहले जब विधानसभा का चुनाव हुआ था. तब वाकई हमारा परफॉर्मेंस नहीं था. मगर इन पांच साल के दरम्यान हमारी पार्टी ने बड़ी मेहनत की. संगठन पर भी हमने ध्यान दिया. यानी पहले से हमारे मुकाम, ताकत में काफी इजाफा हुआ है.
सवाल- आपको बीजेपी की B-टीम क्यों कहा जा रहा है?
जवाब- मैं किसी की B-टीम नहीं हूं. पीएम नरेंद्र मोदी साहब तो इनके परिवार की शादियों में जाते हैं. मैं तो 2019 में चुनाव नहीं लड़ा तो अखिलेश यादव कैसे हार गए? इन्हें मुसलमान का वोट चाहिए पर ये मुसलमानों के साथ दिखना नहीं चाहते. आप देखिए कि आजम खान के साथ सपा ने इंसाफ नहीं किया. मैं मुसलमानों की भागीदारी की बात कर रहा हूं.
सवाल- आप 2017 में यूपी में भी चुनाव लड़े थे, पर जमानत भी नहीं बची आपके उम्मीदवारों की?
जवाब- हमने पिछले पांच साल में बहुत मेहनत की है. हमने अपना संगठन खड़ा किया है. इस बार यूपी में एआईएमआईएम को बहुत ज्यादा समर्थन मिलने वाला है.
सवाल- आपके बारे कहा जा रहा है कि आप अखिलेश यादव को हराने के लिए ज्यादा लड़ रहे हैं?
जवाब- हम किसी को हराने के लिए नहीं लड़ रहे हैं. अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर से एक भी मुसलमान को नहीं दिया. अखिलेश यादव गंगा जमुनी तहजीब की बात करते हैं. लेकिन मुसलमानों को भागीदारी देने को तैयार नहीं हैं. ये कैसे हो रहा है स्वामी मौर्य सपा में और उनकी बेटी बीजेपी में? ये सबके सामने है, कौन किसकी B-टीम है.
ओवैसी ने आगे कहा, "भारत के मुसलमानों का जिन्ना और पाकिस्तान से कुछ लेना देना नहीं है. योगी आदित्यनाथ ठाकुरों के नेता हैं, मोदी जी पिछड़ों के नेता हैं. वहीं, अखिलेश यादव, यादवों के नेता हैं, तो कोई मुसलमानों का नेता क्यों नहीं हो सकता?"