Exclusive: 9 जुलाई से पहले फाइनल हो सकती है भारत-अमेरिका अंतरिम ट्रेड डील, जानें FIEO के CEO क्या बोले?

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के सीईओ व डीजी डॉ. अजय सहाय ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत-अमेरिका के बीच एक बार व्यापार समझौता फाइनल हो जाए, उसके तीन साल के अंदर दोनों देशों के बीच कारोबार दोगुना हो सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते की वार्ता अंतिम चरण में है.
  • FIEO के सीईओ डॉ. अजय सहाय ने कहा, 9 जुलाई से पहले डील फाइनल हो सकती है.
  • कहा, जीरो पर्सेंट ड्यूटी से भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी.
  • कुछ उत्पाद खासकर कृषि व डेयरी सेक्टर में वार्ता आगे भी जारी रह सकती हैः सहाय
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर इन दिनों अंतिम दौर की वार्ता चल रही है. अंतरिम ट्रेड डील के प्रस्तावित मसौदे को लेकर संकेत हैं कि जल्द ही इसे फाइनल रूप दिया जा सकता है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के सीईओ व डीजी डॉ. अजय सहाय ने NDTV से खास बातचीत में बताया कि दोनों देश इस समझौते के काफी करीब हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि 9 जुलाई से पहले भारत-अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए अंतरिम ट्रेड डील फाइनल हो जाएगी.

सवाल ये कि डील का दायरा कितना होगा

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से भारतीय निर्यात को प्रमोट करने के लिए स्थापित सर्वोच्च संस्था FIEO के डीजी डॉ. अजय सहाय ने एनडीटीवी से कहा कि हमें पूरा यकीन है कि अंतरिम डील जरूर होगी. सवाल बस इतना है कि इस प्रस्तावित समझौते का दायरा कितना बड़ा होगा. कितने सेक्टर या प्रोडक्ट इसके तहत शामिल किए जाएंगे. 

'भारत को मिलेगी प्रतिस्पर्धी बढ़त'

उन्होंने आगे कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत और अमेरिका के बीच एक बार व्यापार समझौता फाइनल हो जाए, उसके तीन साल के अंदर दोनों देशों के बीच कारोबार दोगुना से भी अधिक हो सकता है. अंतरिम ट्रेड डील लागू होने के बाद भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाली कई वस्तुओं पर टैरिफ जीरो पर्सेंट हो जाएगा. इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी बढ़त (Competitive advantage) मिल सकेगी. 

Advertisement

'जीरो पर्सेंट ड्यूटी से होगा फायदा'

डॉ. अजय सहाय ने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि अगर भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर जीरो पर्सेंट ड्यूटी लगाई जाती है और वियतनाम से उसी  सामान के एक्सपोर्ट पर अमेरिका 45 फीसदी जवाबी (Reciprocal) टैरिफ लगाता है, तो इससे भारतीय एक्सपोर्टरों को काफी ज्यादा फायदा होगा.

Advertisement

'कुछ मसलों पर वार्ता आगे भी चलेगी'

FIEO के सीईओ ने हालांकि माना कि कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर भारत की अपनी संवेदनशीलताएं हैं. इस पर आगे और बातचीत व नेगोशिएशन की जरूरत होगी. इस वजह से अमेरिका कुछ सेक्टरों को अंतरिम डील से बाहर रखने की कोशिश कर सकता है ताकि आगे उन पर बातचीत के दरवाजे खुले रहें. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच इस अंतरिम ट्रेड डील से आगे प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पहली कड़ी का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. ये काम आगामी सितंबर-अक्तूबर तक पूरा होने की संभावना है. 
 

Advertisement