केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि केवल एक राज्य ने अब तक इस साल की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण "संदिग्ध" मौत की जानकारी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, किसी अन्य राज्य ने ऐसे मामलों की सूचना नहीं दी. लव अग्रवाल ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'जब संसद में सवाल उठाया गया था, तो राज्यों से विशेष रूप से यह सवाल पूछा गया था कि क्या ऑक्सीजन से संबंधित मौतें हुई हैं. अब तक हमें मिली रिपोर्टों के मुताबिक, एक राज्य ने एक संदिग्ध मामले का उल्लेख किया है, अन्य राज्यों ने नहीं कहा कि ऑक्सीजन से संबंधित कोई मौत हुई है.'
उन्होंने यह नहीं बताया कि किस राज्य ने "संदिग्ध ऑक्सीजन से संबंधित मौत" की सूचना दी थी.
भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों पर डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा है, एनडीटीवी ने पिछले महीने इसकी रिपोर्ट दी थी. सूत्रों ने बताया था कि 13 अगस्त को मॉनसून सत्र खत्म होने से पहले सूचनाओं को इकट्ठा कर संसद में पेश किया जाना था.
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सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र के सवाल का जवाब दिया था: ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, असम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, त्रिपुरा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पंजाब.
सूत्रों के अनुसार, इनमें से केवल पंजाब में ऑक्सीजन की कमी के कारण चार "संदिग्ध" मौतें हुई हैं.
केंद्र सरकार ने पिछले महीने भी संसद में कहा था कि "राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत दर्ज नहीं हुई है." सरकार ने कहा था कि राज्यों ने इसे लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया है.
सरकार के इस रुख ने बड़े विवाद को जन्म दे दिया क्योंकि अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर की पीक के दौरान देश में मेडिकल संसाधनों, विशेषकर ऑक्सीजन की जबरदस्त किल्लत देखी गई थी. किल्लत इतनी ज्यादा थी कि देश को यह प्राण वायु (मेडिकल ऑक्सीजन) विदेशों से आपातकालीन आधार पर आयात करनी पड़ी थी. कई लोगों की मौत दम घूटने से हो गई थी.
गोवा में, मई के महीने में एक सरकारी अस्पताल में पांच दिनों के भीतर 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. आंध्र प्रदेश के तिरुपति में, एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती 11 कोविड रोगियों की ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद जान चली गई. हैदराबाद के एक अस्पताल में, आपूर्ति में दो घंटे की कटौती के दौरान सात मरीजों ने सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया.
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