रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर में भले ही मोदी सरकार की ‘‘बाहुबल की नीति'' काम कर रही है. ‘आतंकवाद कम हुआ' है, लेकिन ‘‘भारत का विचार'' कम हो रहा है. वहां नरमी से पेश आने की आवश्यकता है.
अपनी किताब ‘ए लाइफ इन द शेडोज' पर चर्चा करते हुए दुलत ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से ‘भारत के विचार' को ‘कश्मीर में बढ़ावा' देने में मदद मिली.
उन्होंने यहां 100 साल पुराने ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर पर हुए एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘सरकार की बाहुबल नीति काम कर रही है, आतंकवाद कम हुआ है...लेकिन कश्मीर में भारत का विचार खो रहा है.''
उन्होंने कहा कि श्रीनगर में तिरंगा फहराने का गांधी का कदम ‘‘हाल के वर्षों में इकलौता क्षण था जब कश्मीर में भारत के विचार को बढ़ावा दिया गया, भले ही उनकी मंशा कुछ भी रही हो.''दुलत ने कहा कि सरकार ने कश्मीर को ‘‘पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा'' किया था लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दी.
जाने-माने खुफिया अधिकारी और लेखक दुलत ने कहा, ‘‘मैं श्रीमान नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) को गारंटी दे सकता हूं कि अगर कश्मीर में पूर्ण राज्य के दर्जे की घोषणा की जाए तो वह बिना सुरक्षा के खुली जीप में श्रीनगर में घूम सकते हैं.''
पूर्व रॉ प्रमुख ने पंजाब को ‘‘संवदेनशील सीमावर्ती राज्य'' बताते हुए वहां ‘‘कुशासन'' के पतन की चेतावनी दी और कहा कि ‘‘उसे दिल्ली से नहीं चलाया जा सकता.'' बहरहाल, दुलत ने कहा कि उन्हें पंजाब में एक बार फिर उग्रवाद पैदा होने की आशंका नहीं है.
उन्होंने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई वीडियो' से कहा, ‘‘मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि न तो पंजाब और न ही कश्मीर को दिल्ली से चलाया जा सकता है। लोगों में इसे लेकर नाराजगी है. भगवंत मान शालीन व्यक्ति हैं लेकिन वह सक्षम नहीं हैं...दिल्ली के मुख्यमंत्री (अरविंद) केजरीवाल पंजाब को नहीं चला सकते.''