ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) देश में "सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष नेता" हैं. यह बात सोमवार को असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल- मुस्लिमीन (AIMIM)के कई पूर्व नेताओं ने कही. यह नेता बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में शामिल हो गए. उनका दावा है कि बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में न तो बीजेपी (BJP) को और न ही एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को कोई राजनीतिक लाभ मिलेगा.
एआईएमआईएम के मजबूत नेता अनवर हसन पाशा ने 20 लोगों की टीम के साथ पार्टी छोड़ दी है. उन्होंने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय में तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर ली. पाशा ने इस मौके पर कहा कि ''ममता बनर्जी भारत में सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं. वह देश की एकमात्र नेता हैं जो राष्ट्रीय नागरिकता राष्ट्रीय (NRC) का विरोध करने के लिए सड़क पर थीं."
एआईएमआईएम की पश्चिम बंगाल इकाई के नेता रहे अनवर पाशा ने दावा किया कि एआईएमआईएम वोटों का ध्रुवीकरण कर बस बीजेपी को मदद पहुंचाने का काम कर रही है. पाशा ने आरोप लगाया कि लोगों का एक वर्ग धर्म का इस्तेमाल करके देश को विध्वंस की ओर ले जा रहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल पश्चिम बंगाल पर नजर गड़ाए हुए लोगों, चाहे उन्होंने भगवा पहन रखा हो या हरा, को जान लेना चाहिए कि ऐसे बांटने वालों की इस राज्य में कोई जगह नहीं है.
पाशा ने कहा कि ‘‘एआईएमआईएम ने बिहार में वोटों के ध्रुवीकरण में भूमिका निभाई और वहां बीजेपी को सरकार बनाने में मदद पहुंचाई लेकिन ऐसा बंगाल में नहीं होगा.'' पाशा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की 30 फीसदी जनसंख्या मुसलमान है और बिहार में जो भी राजनीतिक घटनाक्रम हुआ, उसे इस राज्य में नहीं दोहराया जा सकता है. मंत्री ब्रत्य बसु और मोली घाटक ने अनवार पाशा और उनके साथियों का तृणमूल कांग्रेस में स्वागत किया.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने के विषय पर वहां के अपने नेताओं के साथ चर्चा करेगी.
(इनपुट भाषा से भी)