'एंटी रोमियो स्क्वाड' की तर्ज पर दिल्ली में होगा ‘ईव टीजिंग स्क्वाड’, इतने पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती

ईव टीजिंग स्क्वाड के लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी चेकिंग करेंगे और पीड़ितों को शिकायत देने के लिए मोटिवेट करेंगे. ईव टीजिंग स्क्वाड के अधिकारी आरडब्ल्यूए और लोकल वालिंटियर के संपर्क में भी रहेंगे, जिससे कि संवेदनशील जगहों की जानकारी मिले.

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दिल्‍ली के हर जिले में 2 ईव टीजिंग स्‍क्‍वाड होंगे
नई दिल्‍ली:

दिल्ली में ईव टीजिंग स्क्वाड बनाने की तैयारी हो रही है, अब मनचलों की खैर नहीं है. ये ईव टीजिंग स्क्वाड यूपी में 'एंटी रोमियो स्क्वाड' की तर्ज पर बनेगा. इसका नाम होगा शिष्टाचार स्क्वाड. दिल्ली के हर जिले में 2 स्क्वाड बनाए जाएंगे. एसीपी, क्राइम अगेंस्ट वूमेन इन स्क्वाड के हेड होंगे. 

इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया गया है. इस सर्कुलर के मुताबिक, "दिल्ली पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराधों, जिसमें ईव-टीजिंग, छेड़छाड़ और उत्पीड़न के अन्य रूप शामिल हैं, को रोकने के लिए कई पहलों को लागू कर रही है. इसका उद्देश्य दिल्ली के कमजोर वर्गों के बीच एक सुरक्षित सार्वजनिक वातावरण को बढ़ावा देना और उनमें आत्मविश्वास पैदा करना है. सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, स्थायी आदेश संख्या एलएंडओ /25/2024 के तहत व्यापक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जिसका शीर्षक है "सार्वजनिक स्थानों पर यौन अपराधों के खिलाफ कार्रवाई."

इसमें आगे कहा गया है, "जिलेवार समर्पित "एंटी-ईव टीजिंग स्क्वॉड (शिष्टाचार स्क्वॉड)" तैयार करने का आदेश दिया जाता है. इन दस्तों में प्रशिक्षित कार्मिक शामिल होंगे, जो वास्तविक समय के आधार पर ऐसे अपराधों/अपराधियों को रोकने, रोकने और जवाब देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इन दस्तों की संरचना, भूमिकाएं, जिम्मेदारियां, परिचालन योजना, निगरानी तंत्र और उनकी परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण ढांचा बनाया जाएगा."

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दरअसल, ‘ईव टीजिंग स्क्वाड' में एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और आठ कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल तैनात होंगे, जिनमें चार महिला पुलिसकर्मियों की भी नियुक्ति की जाएगी. इसके साथ ही, स्पेशल यूनिट से एक पुलिसकर्मी तकनीकी सहायता के लिए तैनात होगा.

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इसके अलावा, इस स्क्वाड के पास कार और दोपहिया वाहन भी होंगे और इसकी तैनाती सभी संवेदनशील इलाकों में की जाएगी. साथ ही स्क्वाड में तैनात पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में रहेंगे. इतना ही नहीं, स्क्वाड के लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चेकिंग करेंगे और पीड़ितों को शिकायत देने के लिए भी जागरूक करेंगे.

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इसके साथ ही ये स्क्वाड आरडब्ल्यूए और लोकल वालंटियर्स के संपर्क में भी रहेगा, जिससे संवेदनशील जगहों की जानकारी मिल पाएगी. साथ ही हर हफ्ते स्क्वाड को जो ड्राइव करेगा, उसकी रिपोर्ट सीनियर अफसरों को देनी होगी.

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 में एंटी रोमियो स्क्वाड बनाया था. इसका उद्देश्य प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों के बाहर लड़कियों से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम लगाना था. शुरुआत में तो ये स्क्वाड काफी चर्चाओं में रहा था, लेकिन बाद में ये ठंडे बस्ते में चला गया.

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