पुलिस ने आज विपक्ष के नेता ई पलानीस्वामी (ईपीएस) और अन्नाद्रमुक के अन्य विधायकों को हिरासत में ले लिया. यह सभी विधानसभा के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने की कोशिश में थे. यह सभी विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विरोधी गुट के नेता और अन्नाद्रमुक उप प्रमुख ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) की विधानसभा में सीट नहीं बदलने और विधानसभा से निष्कासित किए जाने से नाराज थे.
ईपीएस गुट ने एक नया उप प्रमुख चुना है और विधानसभा अध्यक्ष को कई पत्र लिखकर ओपीएस को विधानसभा में ईपीएस के बगल वाली सीट से हटाकर कहीं और बैठाने की मांग की है. ईपीएस गुट के नेताओं ने कल इसी बात को लेकर कई बार विधानसभा की कार्यवाही को बाधित किया. इससे नाराज होकर एम अप्पावु ने इन्हें निष्कासित कर दिया था. एम अप्पावु ने कहा कि मैं सीट बदलने की मांग पर जांच कर रहा हूं. कोई मुझे इस पर आदेश नहीं दे सकता. आपको बता दें कि ईपीएस और ओपीएस दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जे जयललिता की मौत के बाद दोनों ने संयुक्त रूप से अन्नाद्रमुक का नेतृत्व किया था लेकिन इस साल की शुरूआत में दोनों ने अपनी अंदरुनी लड़ाई को सार्वजनिक कर दिया.
कल, विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, ईपीएस ने दावा किया कि विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी के उप नेता के रूप में ओपीएस की जगह आरबी उदयकुमार को चुनने वाले अन्नाद्रमुक के बहुमत के फैसले का पालन नहीं किया. ईपीएस ने आरोप लगाया कि ओपीएस और उनके समर्थकों को पार्टी से हटा दिया गया है. ऐसा लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष सत्तारूढ़ द्रमुक के सुझाव पर काम कर रहे हैं.
मंगलवार को विधानसभा में हुए हंगामे के बीच ओपीएस शांति से ईपीएस के बगल में बैठे रहे. जनता के मुद्दों को उठाने वाले प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने ईपीएस गुट को अन्नाद्रमुक की अंदरुनी लड़ाई को उठाने से मना कर दिया. उन्होंने ईपीएस से कहा कि उन्हें बाद में इस मुद्दे को उठाने का अवसर मिलेगा, लेकिन विपक्ष के नेता ईपीएस नहीं माने.
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