एक कंप्यूटर इंजीनियर को एक स्थानीय अदालत ने आतंकी समूह ISIS से प्रेरित होकर मुंबई में अमेरिकन स्कूल सहित अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमले की साजिश रचने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है. महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अक्टूबर 2014 में इंजीनियर अनीस अंसारी को गिरफ्तार किया था. वह तब से जेल में है.
पुलिस ने कहा कि अंसारी के फेसबुक चैट से कथित तौर पर बांद्रा में स्कूल सहित अमेरिकी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की साजिश रचने के संकेत मिले थे. अंसारी एक बहुराष्ट्रीय सॉफ्टवेयर फर्म में नौकरी करता था और उसका काम नेविगेशन मेप डिजाइनिंग करना था.
उसने फर्जी नाम से फेसबुक अकाउंट बनाने के लिए कंपनी के कंप्यूटर का इस्तेमाल किया और उसके जरिए पोस्ट करके धमकी दी. अभियोजन पक्ष ने कहा कि फेसबुक पर उमर एल्हाजी नाम के व्यक्ति के साथ उसकी चैट से पता चलता है कि वह अमेरिकन स्कूल पर 'लोन वुल्फ' हमला करना चाहता था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए जोगलेकर ने शुक्रवार को अंसारी को आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी ठहराया.
आठ साल पहले अनीस अंसारी की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने कहा था कि वह आईएसआईएस लड़ाकों के प्रति सहानुभूति रखता है और उसने अपनी ऑनलाइन बातचीत में अमेरिकियों को "पीड़ा देने वाले" कहा है.
एक एटीएस अधिकारी ने कहा, "ऑनलाइन पोस्ट पर कड़ी नजर रखने वाली हमारी टीम को उसकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पता चला. पता चला कि वह यूके और ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले दो लोगों के साथ चैट कर रहा था. यह लोगों ने उसे चरमपंथी विचारधारा में विश्वास करने के लिए प्रेरित किया."
विशेष रूप से स्कूल को निशाना बनाने के बारे में चर्चा को लेकर एटीएस सतर्क हो गई और जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई.
अनीस अंसारी अपने माता-पिता और दो छोटे भाई-बहनों के साथ उपनगर कुर्ला में रहता था. पुलिस ने कहा कि उसने अपनी गिरफ्तारी से एक महीने पहले पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था, जिससे यह संदेह बढ़ गया था कि उसने ISIS का समर्थन करने या उसमें शामिल होने के लिए देश छोड़ने की योजना बनाई है.
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