जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में सेना और आतंकी के बीच मुठभेड़ जारी, एक आतंकी ढेर, JCO घायल

जम्मू कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकियों के खिलाफ सेना की तरफ से लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ (Kishtwar) जिले के सुदूर जंगल में रविवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना का अधिकारी (JCO) घायल हो गया है. सेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार केशवान के जंगलों में सुबह करीब 11 बजे उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई जब सेना और पुलिस के संयुक्त तलाश दलों ने छिपे हुए आतंकवादियों की घेराबंदी की. सेना गुरुवार गुरुवार शाम से ही इलाके में आतंकवाद रोधी अभियान चला रही है.

इधर मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले के जबरवान वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया है और दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ चल रही है. पुलिस ने रविवार को बताया कि पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम को उस क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद अभियान शुरू किया गया. बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों ने 3-4 आतंकियों को घेर लिया है, वहीं इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हो रही है. हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच कई मुठभेड़ हुई, जिनमें कई आतंकवादी और उनके कमांडर मारे गए हैं. वहीं, कुछ सुरक्षा बलों के जवान भी हताहत हुए हैं.

महत्वपूर्ण बात यह है कि आतंकवादी गतिविधियां अब जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों में भी हो रही हैं, जो इस तरह की घटनाओं से मुक्त माने जा रहे थे. इसमें कश्मीर में श्रीनगर और जम्मू में चेनाब घाटी, उधमपुर और कठुआ के इलाके शामिल हैं.

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जम्मू में अत्यधिक प्रशिक्षित आतंकवादी वाहनों पर घात लगाकर हमला कर रहे हैं और ग्रेनेड और गोलियों के साथ-साथ एम4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि बढ़ते आतंकवाद और आतंकवादियों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल से खतरे के स्तर में वृद्धि का संकेत मिलता है. लगातार हो रहे हमलों ने राजनीतिक आलोचना को जन्म दिया है और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की है.

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विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में कश्मीर घाटी को जम्मू से विभाजित करने वाले पीर पंजाल क्षेत्र में आतंकवाद में बढ़ोतरी को देखा गया है. कश्मीर में लगातार आतंकवाद विरोधी अभियानों ने आतंकवादियों को पहाड़ों और उन क्षेत्रों में धकेल दिया है, जो आतंकवाद से मुक्त थे और जहां वे छिपते हैं.

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