मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के बकेली गांव में एक युवक पावर ग्रिड की कोरबा-बिरसिंहपुर 400 केवी लाइन के 45 मीटर ऊंचे बिजली के टावर पर चढ़ गया. वह घरेलू विवाद के कारण तनाव में आकर टावर पर चढ़ गया. वह गंभीर जोखिम की स्थिति में था. उसे बिजली का झटका लग सकता था या फिर वह काफी ऊंचाई से नीचे गिर सकता था. मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की अति हाई प्रेशर मैंटेनेंस टीम ने रेस्क्यू आपरेशन चलाया और उसे बहुत कुशलता के साथ नीचे उतार लिया.
मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की अति हाई प्रेशर मैंटेनेंस टीम विषम परिस्थितियों में भी कम से कम समय में बिजली आपूर्ति बहाल करने में निपुण रही है. हाल ही में इस टीम को नए किस्म की चुनौती का सामना करना पड़ा.
कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत ओझा ने बताया कि ग्राम बकेली के निवासी 35 वर्षीय रोहित सिंह कुछ घरेलू विवाद के चलते पावर ग्रिड के 45 मीटर ऊंचे टावर पर चढ़ गया. वहां वह इंसुलेटर में फंसकर लटक गया था. सूचना मिलने पर युवक को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर कलेक्टर सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए. सूचना मिलते ही पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के शहडोल एवं चचाई में पदस्थ सहायक अभियंता मोनीष उइके भी पूरी टीम और जरूरी सामग्री के साथ घटना स्थल पर पहुंचे.
ओझा ने बताया कि, लाइन बंद करवाने के बाद बिना देरी किए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के सुनील पटेल, रामदयाल मेहरा और श्रवण कुमार कोल टावर में चढे़ तथा इंसुलेटर के सहारे लटके रोहित सिंह को सेफ्टी वेल्ट और रस्सी के साथ सहारा दिया. उन्हें अपनी-अपनी कमर में रस्सी बांध कर धीरे-धीरे टावर से नीचे उतारा. यह कार्य बेहद जोखिम भरा था क्योंकि 400 केवी लाइन डिस्चार्ज नहीं की गई थी और ऐसे समय इस लाइन पर इंडक्शन का पूरा-पूरा खतरा रहता है. लेकिन कंपनी के कर्मियों ने हाट लाइन में कार्य करने के अपने अनुभव के सहारे यह काम पूरा किया.
उन्होंने बताया कि अपनी कार्यकुशलता के साथ कंपनी के कर्मियों ने मानवता की एक नई मिसाल पेश की है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रेस्क्यू आपरेशन करने वाले कर्मचारियों की कार्यकुशलता एवं कर्त्तव्यनिष्ठा की सराहना की है.
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