निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है. इस पहाड़ी राज्य में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी. इस घोषणा के साथ ही हिमाचल में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है. 27 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी जबकि 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे. 12 नवंबर को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. पीएम नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में भी विधानसभा चुनाव होने है लेकिन इसके लिए तारीखों की घोषणा फिलहाल चुनाव आयोग की ओर से नहीं की गई है.हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा न करने पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि परंपरा, मतदान की तारीखों में अंतर और मौसम सहित विभिन्न कारकों पर विचार के बाद यह फैसला लिया गया. आयोग ने कहा कि कई राज्यों में चुनावों की घोषणा से कुछ के परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है वहीं आचार संहिता की अवधि भी लंबी हो जाती है.
मुख्य चुनाव आयोग (CEC) राजीव कुमार ने विज्ञान भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिमाचल में चुनावों के लिए तारीख का ऐलान करते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और विकलांगों, सभी की सशक्त रूप से चुनाव में भागीदारी हो. चुनाव की तारीख तय करने से पहले हमारी सभी से लंबी बातचीत हुई थी. निर्वाचन आयोग ने राज्यों को लिखा था और चुनाव के संचालन करने में सहयोग देने वाले पक्षों से भी बात हुई. कोविड की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य सचिव से भी बात हुई थी. जितनी भी सुविधा पोलिंग स्टेशन पर दे सकते हैं, हम देने का पूरा प्रयास कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रलोभनमुक्त चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है.
उन्होंने बताया कि कुछ पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे जो केवल महिलाओं के द्वारा ही संचालित होंगे. हर विधानसभा में एक पिंक बूथ होगा- इसका मतलब है कि उस बूथ में पूरा स्टाफ महिलाओं का होगा. महिलाओं के सशक्तीकरण को दर्शाने के लिए हम ऐसा कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि हमारा प्रयास है कि वोटरों के लिए दो किमी के दायरे में पोलिंग बूथ जरूर हो. आयोग ने हमेशा से मीडिया को चुनावी प्रक्रिया का सहयोगी माना है.उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जाएगी तथा किसी भी फर्जी खबर पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.मुफ्त सौगातों के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पार्टी घोषणापत्रों के बारे में विचार-विमर्श जारी है; किसी भी चुनावी वादे के बारे में स्पष्ट किया जाना चाहिए कि यह कैसे व्यवहार्य है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में फिलहाल बीजेपी सत्ता पर काबिज है. राज्य में विधानसभा की 68 सीटें हैं और यहां बहुमत का आंकड़ा 35 है. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2017 में हुए 68 सीटों पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 44 जबकि कांग्रेस को 21 सीटें हासिल हुई थीं. तीन सीटें अन्य के खाते में गई थीं. हिमाचल की 68 सीटों में से 48 सामान्य वर्ग, 17 अनुसचित जाति (SC)और 3 अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) के लिए आरक्षित हैं.