मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने अरुण गोयल के निर्वाचन आयुक्त पद से अचानक इस्तीफा देने के कारण से जुड़े सवालों का सीधा जवाब देने से बचते हुए शनिवार को कहा कि उनकी ‘‘निजता'' का सम्मान किया जाना चाहिए. कुमार ने लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग के भीतर असहमति को प्रोत्साहित किया जाता है. गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था, लेकिन उन्होंने पिछले शनिवार को इस्तीफा दे दिया था.
कुमार ने इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘अरुण हमारी टीम के एक बहुत ही प्रतिष्ठित सदस्य थे. मुझे उनके साथ काम करने में बहुत आनंद आया, लेकिन हर संस्थान में व्यक्ति की निजता का ध्यान रखना आवश्यक होता है और मुझे यकीन है कि निजता का हनन नहीं किया जाएगा. किसी को निजी प्रश्न पूछने की असंवेदनशीलता नहीं दिखानी चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर पद छोड़ने के उनके निजी कारण हैं, तो हमें उनका सम्मान करना चाहिए.'' सीईसी ने कोई प्रत्यक्ष टिप्प्णी नहीं करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग में असहमति को प्रोत्साहित किया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मजबूत परंपरा है- आयोग में असहमति को प्रोत्साहित किया जाता है, क्योंकि यह एक जटिल प्रक्रिया है, तो तीन दिमाग एक से बेहतर हैं. हम समस्याओं पर रात भर सोचते हैं, हम समय लेते हैं, हम समावेशन करते हैं. आपको उन्हें निकट रखना चाहिए, जो आपको चुनौती दे सकें.''
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारियों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उनके नामों की सिफारिश की थी.