निर्वाचन आयोग ने AAP को चुनाव प्रचार गीत को संशोधित करने को कहा, पार्टी का पलटवार

आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयोग पर ‘भाजपा का राजनीतिक हथियार’ बनने और इसके उल्लंघन पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया.

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आतिशी ने कहा, ‘‘यह संभवत: पहली बार है कि निर्वाचन आयोग ने किसी पार्टी के प्रचार गीत पर प्रतिबंध लगाया है.’’
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) ने रविवार को दावा किया कि निर्वाचन आयोग ने पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रचार गीत ‘‘जेल का जवाब, वोट से देंगे'' पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि आयोग ने कहा है कि आप को अपने गाने में संशाधन करने को कहा गया है क्योंकि यह आयोग के दिशानिर्देशों और विज्ञापन संहिता का उल्लंघन करता है. ‘आप' के दो मिनट से अधिक के इस प्रचार गीत को पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने लिखा और गाया है. यह गीत बृहस्पतिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में जारी किया गया था.

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि गाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया था, लेकिन पार्टी को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत निर्धारित विज्ञापन संहिता और प्रमाणन के लिए 24 अगस्त 2023 को जारी एक पत्र के माध्यम से प्रसारित आयोग के दिशानिर्देश/मानदंडों के अनुसार कुछ संशोधनों के साथ प्रस्ताव फिर से जमा करने के लिए कहा गया था.

दिल्ली चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ तस्वीरें और वाक्यांश ‘अपमानजनक' टिप्पणियां और ‘असत्यापित तथ्यों के आधार पर सत्तारूढ़ दल की आलोचना' हैं और न्यायपालिका और पुलिस पर भी संदेह पैदा करते हैं.

आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयोग पर ‘भाजपा का राजनीतिक हथियार' बनने और इसके उल्लंघन पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा, ‘‘क्या निर्वाचन आयोग सच्चाई को दबाना चाहता है? क्या चुनाव एजेंसी पुलिस के कदाचार या भाजपा द्वारा जांच एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग को छिपाना चाहती है?'

आतिशी ने कहा, ‘‘यह संभवत: पहली बार है कि निर्वाचन आयोग ने किसी पार्टी के प्रचार गीत पर प्रतिबंध लगाया है.'' उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के अनुसार, यह गीत सत्तारूढ़ दल और जांच एजेंसियों की छवि खराब करता है. उन्होंने कहा, ‘‘इस गीत में भाजपा का जिक्र नहीं है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करता. इसमें तथ्यात्मक वीडियो और घटनाएं शामिल हैं.''

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने निर्वाचन आयोग पर भाजपा द्वारा किए गए चुनाव आचार संहिता उल्लंघनों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा तानाशाही करे तो ठीक लेकिन अगर कोई इसके बारे में बात करे तो वह गलत. इससे पता चलता है कि लोकतंत्र खतरे में है. मैं निर्वाचन आयोग से भाजपा द्वारा किए गए (चुनाव संहिता के) उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करने और विपक्षी दलों के प्रचार अभियानों पर रोक नहीं लगाने का आग्रह करती हूं.''

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे दिलचस्प बात यह है कि पूरे प्रचार गीत में कहीं भी भारतीय जनता पार्टी का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन निर्वाचन आयोग का कहना है कि अगर आप तानाशाही के बारे में बात करते हैं, तो यह सत्तारूढ़ दल की आलोचना है.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि आयोग खुद मानता है कि भाजपा इस देश में तानाशाही शासन चला रही है.''

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गाने पर आप को अपने जवाब में दिल्ली के मुख्य चुनाव कार्यालय ने कहा कि यह वाक्यांश कि ‘जेल के जवाब में हम वोट देंगे', ईसीआई के दिशानिर्देशों के प्रावधानों और केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का उल्लंघन है.

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