केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने अपने चुनावी हलफनामे में एक आश्चर्यजनक विवरण पर चल रहे विवाद के बीच गुरुवार सुबह कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, "FY2021/22 के लिए उनकी कर योग्य आय 680 रुपये थी, जबकि FY20 के लिए 17.5 लाख रुपये थी और FY23 के लिए 5.5 लाख रुपये थी".
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कर योग्य आय के रूप में मेरी 680 रुपये के बारे में एक अभियान चलाने की कांग्रेस की योजना का विरोध किया है और अपने सभी अनिवार्य तथ्यों की पेशकश की. उन्होंने लिखा, "मैं कई वर्षों से केवल सार्वजनिक जीवन में हूं और मेरी आय केवल सांसद या मंत्री के वेतन और भत्तों तथा बचत/निवेश से प्राप्त ब्याज/लाभांश से होती है".
उन्होंने बताया, "वर्ष 2021-2022 में मेरी कर योग्य आय कोविड अवधि के दौरान हुए घाटे के कारण तेजी से कम हो गई थी. सार्वजनिक जीवन में मेरा 18 साल का करियर कांग्रेस के कई प्रयासों के बावजूद किसी भी दोष से पूरी तरह से मुक्त रहा है, जिसमें तिरुवनंतपुरम में मेरे प्रवेश के बाद उनका हाल ही में किया गया प्रयास भी शामिल है."
बता दें कि, केंद्रीय मंत्री को भारतीय जनता पार्टी ने केरल की राजधानी की लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है, जिस पर 2009 से कांग्रेस के शशि थरूर का कब्जा है. 1977 से यह सीट वामपंथियों और कांग्रेस के बीच रही है. भाजपा ने इस सीट से कभी जीता दर्ज नहीं की है.
राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर किया दोहरा कटाक्ष
राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर दोहरा कटाक्ष करते हुए कहा, "पार्टी का प्रथम परिवार (गांधी परिवार) और दूसरा शशि थरूर का "प्रगति, विकास, नौकरियों और निवेश के मुख्य मुद्दों से मतदाताओं का ध्यान भटकाने का स्पष्ट प्रयास काम नहीं करेगा." उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "विडंबना निश्चित रूप से तब खत्म हो गई जब कांग्रेस, जिसका गांधी परिवार संपत्तियों की चोरी करने और उसे गुप्त रूप से अपने नाम पर हस्तांतरित करने के मुकदमे में है, और एक उम्मीदवार जिसने अपने अवैध आईपीएल 'हितों' के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, खुलासे और कराधान के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं."
यह तंज नेशनल हेराल्ड मामले समेत कांग्रेस के खिलाफ आरोपों को लेकर था और उनका दावा है कि थरूर ने 2010 में कोच्चि के लिए इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी की पैरवी करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया था. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में तत्कालीन जूनियर विदेश मंत्री शशि थरूर ने यह कहते हुए पद छोड़ दिया कि वह सरकार को शर्मिंदा नहीं करना चाहते.
शशि थरूर को भेजा लीगल नोटिस
बुधवार को राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर को मानहानी का लीगल नोटिस भेजा था. नोटिस में कहा गया था कि थरूर द्वारा दिए गए बयान उनकी छवि को खराब करने के उद्देश्य से दिए गए हैं और उनकी टिप्पणी ने तिरुवनंतपुरम शहर के ईसाई समुदाय का भी अनादर किया है. राजीव चंद्रशेखर ने आरोपों को तत्काल वापस लेने और नोटिस प्राप्त होने के 24 घंटों के अंदर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर माफी मांगने की मांग की है.
चुनाव आयोग हलफनामें में बेमेल जानकारी की जांच करेगा
मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को राजीव चंद्रशेखर द्वारा सौंपे गए हलफनामे के विवरण में किसी भी बेमेल जानकारी को सत्यापित करने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन आयोग ने सीबीडीटी को चंद्रशेखर द्वारा सौंपे गए हलफनामे के विवरण में किसी भी बेमेल विवरण को सत्यापित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि हलफनामे में किसी भी तरह की बेमेल और गलत जानकारी देने के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनयम 1951 की धारा 125 ए के तहत निपटा जाता है. कानून के मुताबिक, नामांकन पत्र या हलफनामे में कोई भी जानकारी छुपाने पर छह महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
विवाद की कैसे हुई शुरुआत?
चन्द्रशेखर के चुनावी हलफनामे पर विवाद तब खड़ा हो गया जब वित्त वर्ष 2021/22 के लिए उनकी आय सिर्फ 680 रुपये दिखाई गई. हालांकि, वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 23 के लिए, उन्होंने 17.5 लाख रुपये और 5.50 लाख रुपये की आय घोषित की है. चन्द्रशेखर ने 28 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति की भी घोषणा की थी. इनमें नकदी, बैंक जमा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सहकारी समितियों में हिस्सेदारी, साथ ही निवेश बॉण्ड, डिबेंचर और अन्य वित्तीय उपकरण शामिल हैं. उनके हलफनामे की जानकारी को गलत बताते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने जांच की मांग की थी. राजीव चन्द्रशेखर ने सभी आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि "मेरे सभी खुलासे कानून के अनुरूप हैं."