HELLO मैं CBI अधिकारी बोल रहा हूं.... डिजिटल अरेस्ट के 'खेल' में महिला ने ऐसे गंवाए 20 करोड़

Digital Arrest News : अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने पीड़िता को दो महीने तक घर पर ही रहने को मजबूर किया और हर तीन घंटे में फोन कर प्रतिदिन उसकी लोकेशन जानते रहे.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins

साइबर क्राइम पर ब्रेक लगा पाना मुश्किल होता जा रहा है. डिजिटल अरेस्ट करके ना जाने कितने ही लोगों को शिकार बनाया जा रहा है. दक्षिण मुंबई में रहने वाली 86 वर्षीय एक महिला ने 'डिजिटल गिरफ्तारी' धोखाधड़ी के दौरान दो महीने में 20 करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए. पुलिस ने बताया कि जालसाजों में से एक ने महिला से पैसे ऐंठने के लिए खुद को ‘सीबीआई अधिकारी' बताया था.

पुलिस के अनुसार, 26 दिसंबर 2024 से इस साल तीन मार्च के बीच अंजाम दिये गए इस अपराध के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने पीड़िता को दो महीने तक घर पर ही रहने को मजबूर किया और हर तीन घंटे में फोन कर प्रतिदिन उसकी लोकेशन जानते रहे.

उन्होंने बताया कि साइबर पुलिस ने उन बैंक खातों की पहचान करके महिला के 77 लाख रुपये के निकालने पर रोक लगाई, जिनमें धन हस्तांतरित किया गया था. इस महीने की शुरुआत में महिला द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, उसे एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद के सीबीआई अधिकारी होने का दावा किया और उसे बताया कि उसके ‘आधार' कार्ड के जरिये एक बैंक खाता खोला गया है और उसका इस्तेमाल धनशोधन के लिए किया जा रहा है.

Advertisement

अधिकारी ने बताया कि इसके बाद उस व्यक्ति ने महिला से कहा कि मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है और उसे अपने कमरे में ही रहना चाहिए. उसने उसे 'डिजिटल गिरफ्तारी' की धमकी भी दी. उसने महिला के परिवार के सदस्यों को भी गिरफ्तार करने की धमकी दी.

Advertisement

उन्होंने बताया कि महिला के घर पर काम करने वाली एक घरेलू सहायिका ने उसके व्यवहार में बदलाव आने की जानकारी उसकी बेटी को दी. महिला केवल खाना खाने के लिए ही अपने कमरे से बाहर निकलती थी. पुलिस ने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

Advertisement

452 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया 
साइबर फ्रॉड इस समय देश ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा संगठित अपराध बन चुका है. हालांकि, सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. लेकिन बाबजूद इसके साइबर फ्रॉड लोगों को रोज नए तरीके से अपना शिकार बनाते हैं. साइबर ठगों ने पिछले 6 महीने में करीब दिल्लीवासियों को 452 करोड़ का चूना लगा दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल साइबर ठगों ने दिल्ली के लोगों को 6 महीने में करीब 175 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया था. लेकिन इस बार लोगों के खातों से की गई ठगी की राशि में वृद्धि देखी गई है. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून तक साइबर ठगों ने लोगों को 452 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है.

Advertisement

दिल्ली में कब और कहां हुई साइबर ठगी
19 नवंबर 2024:
दिल्ली पुलिस ने 100 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में अंतरराष्ट्रीय ठग को गिरफ्तार  किया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चाइनीज नागरिक को गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक आरोपी व्हॉट्स एप ग्रुप के जरिए ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करता था.

24 जुलाई 2024 को इस मामले में शाहदरा के सुरेश कोलीचिइल अच्युतन नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज की थी.

19 नवंबर 2024: दिल्ली सोशल मीडिया पर महिला ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति से ‘ऑनलाइन' निवेश के नाम से कथित तौर पर 25 लाख रुपये की ठगी कर ली थी. 

15 नवंबर 2024 : दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक सेवानिवृत्त इंजीनियर को उनके घर में आठ घंटे तक 'डिजिटल अरेस्ट' के जरिए 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई थी.

4 अगस्त 2024: दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति से 31.55 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों के तार कथित तौर पर चीन से जुड़े हुए थे.

जून 2024 : बीते जून के महीने में दिल्ली के सीआर पार्क में 12 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट का ड्रामा चला और एक बुजुर्ग महिला ने 83 लाख रुपए गंवा दिए. देश के बड़े शहरों में डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये एक साइबर फ्रॉड है, जिसमें अपराधी एजेंसियों के अफसर बनकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर रहे हैं.

24 मई 2024: दिल्ली पुलिस ने शेयर बाजार में निवेश के बहाने एक व्यक्ति से 23.30 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था.

16 मई 2024: साइबर ठग इन दिनों निवेश के नाम पर हाई रिटर्न दिलाने के नाम पर भी लोगों को लाखों की चपत लगा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला दिल्ली से भी सामने आया था. आरोपियों ने दिल्ली की एक महिला से बड़े रिटर्न का लालच देकर 23 लाख रुपये तक ठग लिए थे. साइबर ठगों ने महिला को भरोसे में लेने के लिए पहले 1000 रुपये का निवेश कराकर कुछ ही घंटे में पैसे डबल करके दे दिए. इसके बाद ठग धीरे-धीरे करके महिला से निवेश की रकम बढ़वाते रहे और ऐसे महिला के खाते से लाखों रुपये की निकलवाने के बाद आरोपियों ने उसके खाते को ही सील कर दिया था.

लोगों को कैसे अपना शिकार बनाते हैं साइबर ठग?
साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है, जिसमें आप डिजिटल डिवाइस के किसी भी माध्यम से आप ठगी का शिकार होते हैं. इसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, चोरी, जासूसी, वायरस और अन्य अपराध शामिल हैं. इंटरनेट बैंकिंग से ठगी, सोशल मीडिया पर ठगी, मलवेयर के माध्यम से भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर ठगी को लेकर सरकार की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

डिजिटल अरेस्ट... साइबर क्राइम का नयाब तरीका
सबसे पहले बात करते हैं डिजिटल अरेस्ट की. यह साइबर क्राइम का नयाब तरीका है. साइबर फ्रॉड लोगों को फंसाने के लिए ब्लैकमेलिंग का खेल खेलता है और लोग उसके जाल में फंस जाते हैं. डिजिटल अरेस्ट में साइबर फ्रॉड वीडियो कॉल के जरिए आप पर हावी होता है और आपको घर में ही बंधक बना लेता है. सबसे पहले ठग आपको पुलिस का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल करता है. फिर बताया जाता है कि आपका आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का उपयोग किसी गैरकानूनी काम के लिए हुआ है. यहां से आपको डराने-धमकाने का 'खेल' शुरु होता है.

डेटिंग ऐप से भी जरा संभल के!
डेटिंग ऐप्‍स का..दिल्‍ली में डेटिंग ऐप्‍स पर कई ऐसे गैंग एक्टिव हैं, जो रेस्‍तरां के साथ मिलकर, लोगों को ठग रहे हैं.लड़कियां पहले मीठी-मीठी बातों में फंसाती हैं, फिर रेस्‍तरां में बुलाती है और हाथ में रेस्‍तरां थमा देता है, लाखों का बिल... जी हां, डेटिंग एप के जरिए एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसपर एक यकीन करना संभव नहीं है. इस गैंग की जानकारी दिल्ली पुलिस को तब चली जब 24 जून को शिकायतकर्ता दिल्ली के शकरपुर थाने में पहुंचा और उसने बताया की उसकी दोस्ती डेटिंग एप पर एक 24 साल की लड़की वर्षा से उसकी दोस्ती हो गई थी, जिसने उसे लक्ष्मी नगर के एक रेस्टोरेंट में बुलाया जहां पर उसे बंधक बनाकर 1.5 लाख का बिल वसूल लिया गया.

पुलिस ने बचने के लिए ठग अपना रहे हैं नई रणनीति
अब साइबर ठग पुलिस और कार्रवाई से बचने के लिए नई रणनीति क अपना रहे हैं. जालसाज साइबर ठग अपने पैसे के लिए डिजिटल वॉलेट उपयोग कर रहे हैं. इस कारण पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए पैसे के स्रोत का पता लगाना चुनौती हो जाता है और जांच में प्राथमिक स्रोत का पता नहीं लग पाता है. साथ ही ये जालसाज ठगी की गई राशी को एटीएम के माध्यम से निकाल लेते हैं. ऐसे में पुलिस के लिए स्रोत का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

दिल्ली में जून महीने तक 61,525 साइबर शिकायतें दर्ज की गई हैं. राष्ट्रीय साइबर शिकायत पोर्टल ने चौंका देने वाली 55,267 शिकायतें दर्ज कीं, जिसमें डिजिटल अरेस्ट, निवेश में धोखाधड़ी, क्रिप्टोकरेंसी घोटाला, हैकिंग, डाटा की चोरी और कई अन्य गतिविधियां शामिल हैं.

यहां दर्ज कराएं शिकायत...
जांच एजेंसी या पुलिस आपको कॉल करके धमकी नहीं देती है. जांच एजेंसी या पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करती है. अगर आपको भी डराने-धमके के लिए इस तरह के कॉल आते हैं तो आप तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें, या फिर 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं. साथ ही सोशल मीडिया साइट एक्स पर @cyberdost के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

Featured Video Of The Day
Bihar में कानून-व्यवस्था के सवाल पर क्यों Nitish Kumar Lalu-Rabri राज पर निशाना साधने लगते हैं?
Topics mentioned in this article