शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने शुक्रवार को शिंदे गुट पर निशाना साधा और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता चंद्रकांत पाटिल को भी उनके एक बयान को लेकर निशाना बनाया. मनीषा कायंदे ने कहा कि, "चंद्रकांत पाटिल ने पुणे में एक भाषण के दौरान कहा कि मेरे माता और पिता को गाली दो, लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह को गाली मत दो. अब मुझे बताओ कि क्या यह हमारी संस्कृति में स्वीकार्य होना चाहिए कि किसी के परिवार को गाली देने की अनुमति है? भाजपा के लिए केवल अमित शाह और नरेंद्र मोदी ही परिवार है और वे अपने परिवार से ज्यादा उनका सम्मान करते हैं.
कायंदे ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बनाने के लिए कांग्रेस सदस्यों को अपनी पार्टी में लाने में जुटी है. उन्होंने कहा, "भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बनाती बल्कि अन्य दलों के सदस्यों को लाती है. गोवा में वह कांग्रेस के आठ सदस्यों को लाई और सरकार बनाई. उन्होंने साबित कर दिया है कि वे हिंदुत्ववादी नहीं हैं, वे केवल सरकार बनाना चाहते हैं."
मनीषा कायंदे ने "धनुष और तीर" के चिन्ह के बारे में एकनाथ शिंदे गुट पर हमला किया और कहा कि शिवसेना असली पार्टी है.
उन्होंने कहा कि, "सीएम एकनाथ शिंदे ने "धनुष और तीर" का निशान पाने के लिए चुनाव आयोग और पार्टी प्रमुख को एक पत्र लिखा था. निर्णय सुप्रीम कोर्ट और ईसीआई के सामने लंबित है. उनके गुट ने पार्टी छोड़ दी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी खत्म हो गई है. वे सिर्फ एक समूह हैं और पार्टी नहीं हैं, इसलिए उनका पार्टी के निशान पर कोई अधिकार नहीं है. शिवसेना पिछले 56 वर्षों से एक पार्टी है और उद्धव ठाकरे हमारे पार्टी प्रमुख हैं. वे कई वर्षों से हमारा नेतृत्व कर रहे हैं."
इससे पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले और स्पीकर के चुनाव और फ्लोर टेस्ट को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हाल ही में उन्होंने शिंदे समूह को चुनाव आयोग के सामने चुनौती देते हुए दावा किया था कि वे 'असली शिवसेना' हैं.