शिवसेना की अर्जी पर एकनाथ शिंदे का पलटवार, "कार्रवाई की बात कर आप हमे डरा नहीं सकते" 

शिंदे ने कहा कि 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अपील कर आप हमको डरा नहीं सकतें. क्योंकि हम ही वंदनिय बाल ठाकरे की असली शिवसेना और शिवसैनिक है. 

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एकनाथ शिंदे ने उद्धव को दिया जवाब
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान के बीच उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच आपसी खींचतान बढ़ती ही जा रही है. उद्धव ठाकरे गुट द्वारा पार्टी के 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की याचिका पर बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं. आपका हेरफेर और कानून हमें भी समझ में आता है. उन्होंने कहा कि संविधान का 10वां( शेड्युल) व्हिप, ये सदन के कामकाज के लिए लगता है ना कि बैठक के लिए. इस सिलसिले में सुप्रिम कोर्ट ने असंख्य फैसले दिए है. शिंदे ने आगे कहा कि 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अपील कर आप हमको डरा नहीं सकतें. क्योंकि हम ही वंदनिय बाल ठाकरे की असली शिवसेना और शिवसैनिक हैं. कानून पता है हमें, इसलिए हम ऐसे धमकियों परवाह नहीं करते हैं. आपके पास आंकड़े नहीं थे फिर भी आपने ग्रुप बनाया, इसलिए हमारी मांग है कि कार्रवाई आपके ऊपर होनी चाहिए ना कि हमारे ऊपर. 

शिवसेना ने बागियों के नेता एकनाथ शिंदे समेत 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी, देखें Full LIST

बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट ने 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी गई है.  याचिका में इस गुट की मांग थी कि इन 12 विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए. इन विधायकों में बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे और भरत गोगावाले का नाम भी शामिल था. गुरुवार को NDTV से बात करते हुए अरविंद सावंत ने कहा कि हमने 12 विधायको की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. एनसीपी की बैठक थी इसलिए नरहरि झिरवाल (डिप्टी स्पीकर) आए नहीं थे. उन्होंने कहा कि यह 44 पन्नों की अर्जी है, इसलिए समय लगा. कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद वो मीटिंग में नहीं आए, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए. हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया गया है. 

एकनाथ शिंदे के बागी गुट की लगातार बढ़ रही 'ताकत' के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी बागी विधायकों की जगह 12 के करीब विधायकों के खिलाफ अयोग्‍यता की अर्जी दाखिल की गई है. बताया जा रहा है कि अगर ठाकरे गुट अयोग्यता की याचिका इन विधायकों के खिलाफ आवेदन डिप्टी स्पीकर को देता है तो उस पर पहले फैसला होगा. ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे का गुट डिप्टी स्पीकर के समक्ष कोई भी अन्य आवेदन दाखिल करता है, तो इस पर बाद में विचार होगा. सभी बागी विधायकों के विरोध में अयोग्यता का आवेदन इसलिए नहीं दिया जा रहा है कि अगर 30 या उससे ज्यादा विधायक डिसक्वालीफाई हो जाते हैं तो इससे विधानसभा में गठबंधन की ताकत कम होगी. ऐसे में बीजेपी अपनी ताकत से ही सरकार बनाने की स्थिति में भी पहुंच सकती है. 

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गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी सरकार, शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट की 'कठिन चुनौती' का सामना कर रही है. शिंदे गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है और अब तक करीब 40 विधायक इसके साथ जुड़ चुके हैं. सियासी संकट के बीच उद्धव सरकार में शिवसेना की सहयोगी एनसीपी और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी. राज्‍य के सियासी संकट को लेकर राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से बुलाई गई बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे के प्रति पूरा समर्थन जताया गया. कांग्रेस ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं.

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