राज्यसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश देख रहा है "एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है. देश के लिए जीता हूं, देश के लिए कुछ करने को निकला हूं. जितना कीचड़ उछलेगा, कमल उतना ही खिलेगा." राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान राज्यसभा में विपक्ष की लगातार नारेबाजी का सामना करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान पीएम मोदी ने नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पढ़ा है कि 600 से अधिक योजनाओं का नाम इस परिवार के नाम पर रखा गया था. संसद सदस्यों से पीएम ने पूछा कि उनकी पीढ़ी के लोग नेहरू उपनाम क्यों नहीं रखते हैं और इसमें "डर और शर्म" क्या है?
राज्यों को राजकोषीय अनुशासनहीनता के प्रति आगाह किया
विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर गैर-भाजपा राज्य सरकारों के खिलाफ राजनीति करने का आरोप लगाने पर, पीएम मोदी ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी, जिसने धारा 356 का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया था और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गैर-कांग्रेसी सरकारों को बाहर करने के लिए 50 बार इसका इस्तेमाल किया था. पीएम ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आप पिछली बार लोकसभा चुनाव में अपनी सीट पर हार की शिकायत कर रहे थे, मगर आपके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलने के बाद हमें वोट दिया था. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर प्रतीकवाद, वोट बैंक की राजनीति और समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने में दिलचस्पी नहीं लेने का आरोप लगाया. कुछ विपक्षी दलों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की वापसी का वादा करने और कुछ अन्य वादे करने पर पीएम मोदी ने राज्यों को राजकोषीय अनुशासनहीनता के प्रति आगाह किया. उन्हें याद दिलाया कि कैसे कुछ देश गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं.
देश के आर्थिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें
पीएम ने कहा, "मैं उन्हें सदन की पूरी ईमानदारी के साथ चेतावनी देना चाहता हूं कि वे (विपक्ष) अपने-अपने राज्यों में जाएं और अपने रा्य सरकारों को गलत रास्ते पर न जाने के लिए कहें. आप हमारे पड़ोसी देशों की हालत देख रहे हैं. अंधाधुंध ऋण ने कैसे उन्हें बर्बाद किया. कुछ राज्य भी तत्काल लाभ की कोशिश में ऐसा कर रहे हैं, लेकिन यह उन्हें नष्ट कर देगा और देश को भी नुकसान पहुंचाएगा." प्रधानमंत्री ने माना कि राजनीतिक दलों के बीच राजनीतिक मतभेद हैं, और उनसे आग्रह किया कि वे देश के आर्थिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें. पीएम ने कहा, "हमारे बीच राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हो सकते हैं और पार्टियों को एक-दूसरे के खिलाफ कुछ शिकायतें हो सकती हैं, लेकिन देश के आर्थिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें. ऐसा पाप न करें, जो आपके बच्चों के अधिकारों को छीन ले."
2047 तक 'विकास भारत' का संकल्प
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने अमृत काल के दौरान सभी को लाभान्वित करने के लिए सभी योजनाओं में संतृप्ति स्तर (सेचुरेशन लेवल) हासिल करने का लक्ष्य रखा है. सरकार का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं का स्थायी समाधान करना और उन्हें सशक्त बनाना है. हम आधुनिक भारत के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे, पैमाने और गति के महत्व को समझते हैं. पीएप्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, बिजली, पानी, सड़क को लेकर किए गए काम और किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, बेटियों सहित सभी वर्गों के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि "यह हमारा संकल्प है कि भारत 2047 तक 'विकास भारत' बन जाए. भारत विशाल छलांग लगाने और अब पीछे मुड़कर नहीं देखने के लिए तैयार है."
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