खाली पदों को भरने, न्यायिक अवसंरचना को सुधारने के प्रयास कर रहे हैं : CJI एनवी रमण

न्यायमूर्ति रमण ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की राज्य में न्यायपालिका के कामकाज को सुगम बनाने में सक्रिय भूमिका के लिए सराहना की.

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भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमण (फाइल फोटो)
हैदराबाद:

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने शुक्रवार को कहा कि वह न्यायपालिका में रिक्त पड़े पदों को भरने और देश में न्यायिक ढांचे को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. न्यायमूर्ति रमण ने यह भी कहा कि साथ ही वह न्यायाधीशों एवं अन्य की सुरक्षा से संबंधित विषयों पर भी ध्यान दे रहे हैं. यहां तेलंगाना राज्य के न्यायिक अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद न्यायमूर्ति रमण ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी न्यायपालिका पर काम का बोझ है. सीजेआई ने कहा कि उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही खाली पदों को भरने और न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे को सुधारने का काम शुरू किया.

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी वजह है कि न्याय मिलना तभी संभव है जब हमारे पास पर्याप्त संख्या में अदालतें हों और बुनियादी संरचना हो.'' न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि वह चाहते हैं कि उच्च न्यायालयों, उच्चतम न्यायालय या जिला स्तरीय अदालतों में खाली पद नहीं रहें. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में न्यायिक अवसंरचना अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मामले में उन्होंने न्यायाधीशों की संख्या 24 से बढ़ाकर 42 करने संबंधी लंबित फाइल को बिना देरी के मंजूरी दे दी थी.

प्रधान न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारियों से वादियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने और विवाद के मानवीय पहलुओं को हमेशा याद रखने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘कानून निष्पक्षता से दूर नहीं हो सकता. जब आपके पास विवेक का इस्तेमाल करने की गुंजाइश है तो न्यायपालिका का मानवीय चेहरा दिखना महत्वपूर्ण है.'' न्यायमूर्ति रमण ने न्यायाधीशों से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने को कहा.

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उन्होंने न्यायिक अधिकारियों के बिना किसी डर के अपने कर्तव्यों का पालन करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे न्यायाधीशों पर बढ़ते हमलों की जानकारी है. मैं ऐसी घटनाएं रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा हूं. अदालत कक्षों के भीतर और बाहर दोनों जगह न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा में सुधार करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.''

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वित्तीय रूप से मजबूत होने की महत्ता पर जोर देते हुए सीजेआई ने कहा, ‘‘जब आप वित्तीय चिंताओं से मुक्त होते हैं तभी आप अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाएंगे. मैं आपको आश्वस्त कर दूं कि मैं वेतन आयोग से संबंधित मुद्दे को उठा रहा हूं और आपको जल्द ही इस मोर्चे पर अच्छी खबर मिलेगी.'' उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने के साथ ही संवैधानिक अदालतें पूरी क्षमता के साथ काम कर रही हैं. उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से अपील की कि लंबित मामलों के निपटारे के लिए नियमित अदालती घंटों से परे अतिरिक्त समय देने के गंभीर प्रयास करें.

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न्यायमूर्ति रमण ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की राज्य में न्यायपालिका के कामकाज को सुगम बनाने में सक्रिय भूमिका के लिए सराहना की. बाद में शाम में न्यायमूर्ति रमण को यहां उच्च न्यायालय परिसर में तेलंगाना प्रदेश बार काउंसिल और तेलंगाना उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ द्वारा सम्मानित किया गया.

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इस मौके पर उन्होंने कहा कि देशभर की अदालतों में न्यायिक अवसंरचना के मुद्दों से निपटने के लिए उनके द्वारा प्रस्तावित न्यायिक अवसंरचना निगम पर दिल्ली में 29 और 30 अप्रैल को एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय विधि मंत्री और प्रधानमंत्री शामिल होंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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