जयपुर के स्कूल में छात्र की मौत मामले में शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच, CBSE की टीम भी है साथ

NDTV से बातचीत में डीसीपी साउथ राजऋषि ने बताया कि स्कूल प्रशासन अब जांच में सहयोग कर रहा है. परिजनों के लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है.

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जयपुर:

जयुपर के एक नामी स्कूल में कुछ दिन पहले एक कक्षा चार की बच्ची की संदिग्ध मौत के मामले में अभी पुलिस की जांच चल रही है. सोमवार को पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से बयान लिए, परिजनों से बातचीत की और अमायरा के साथ पढ़ने वाले कुछ बच्चों से भी पूछताछ की. पुलिस अब मनोवैज्ञानिकों की मदद से यह समझने की कोशिश कर रही है कि बच्ची ने ऐसा कदम क्यों उठाया और उस समय उसके मन में क्या चल रहा था.हालांकि पुलिस ने अभी इस घटना की वजह को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार किया है.

NDTV से बातचीत में डीसीपी साउथ राजऋषि ने बताया कि स्कूल प्रशासन अब जांच में सहयोग कर रहा है. परिजनों के लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है.पुलिस ने बताया कि स्कूल में सुरक्षा मानकों की भी जांच की जा रही है और शुरुआती जांच में कई तरह की जानकारी सामने आई हैं.

इन सब के बीच शिक्षा विभाग और सीबीएसई की टीम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इस जांच को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक रामनिवास शर्मा ने बताया कि  अभी तक की जांच में जो निकलकर आया है उससे ये तो साफ है कि बच्ची को किसी ने अपशब्द नहीं कहा था. 

रामनिवास शर्मा ने आगे कहा कि क्लास टीचर ने बताया है कि वहां बच्चे उनके पास शिकायत लेकर आए थे कि क्लास में कुछ बच्चे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. बच्चे क्लास में ही कुछ बोल रहे होंगे. सीसीटीवी में दो बच्चे शिकायत करने क्लास टीचर के पास जाते दिख रहे हैं. बच्ची भी दो बार टीचर से मिलने जाते हुए दिख रही है. इसके बाद टीचर बच्चों को क्लास में समझते हुए भी दिख रहे हैं. हालांकि सीसीटीवी में ऑडियो नहीं मिला है. इसलिए अभी और कुछ कन्फर्म नहीं हुआ है। पुलिस मामले में जांच कर रही है. 

उस दिन क्लास में किसी बच्चे का जन्मदिन भी था. वह बच्चा साधारण ड्रेस में आया था. हमनें जो वीडियो देखा उसमें वो टॉफी बांटते तो नहीं दिख रहा है. लेकिन उसने चॉकलेट टॉफी दी थी. बच्ची ने  भी ये टॉफी ली थी.  इसका रैपर भी बच्ची के बैग से मिला था. इसके बाद इंग्लिश की क्लास थी. क्लास में अध्यापक हर समय मौजूद था. उसने बच्ची से बात भी की थी. उसकी कॉपी भी चेक की थी। 

वहीं, बच्ची के परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन सीसीटीवी भी नहीं साझा करना चाहता है. सीसीटीवी में 30 दिन की रिकॉर्डिंग होनी चाहिए. हमारी बच्ची तो केवल नोबल पढ़ती थी. किताबें पढ़ती थी और कैसे बच्चे हैं वहां पर जो गलत शब्द इस्तेमाल ले रहे थे.  बच्ची के मामा साहिल ने बताया कि बच्ची को स्कूल में और बच्चे बुली करते थे. क्लास में गलत शब्द बोलते थे. इसके लिए उसने हमसे शिकायत भी की थी. इसके बाद हाल ही में सितंबर में ही हमने स्कूल प्रबंधन से इसकी शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा धीरे धीरे बच्ची सेटल हो जाएगी. पिछले साल भी हमने इसकी शिकायत उसके टीचर से की थी. 

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