धनशोधन निवारण कानून के निर्णायक प्राधिकारी ने झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और अन्य की 82 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क करने के आदेश पर मुहर लगा दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. कानून के मुताबिक, धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के निर्णायक प्राधिकारी द्वारा अनंतिम आदेश की पुष्टि करने के बाद एजेंसी कुर्क की गई संपत्तियों को जब्त कर सकती है.
जिन संपत्तियों की पुष्टि की गई है, वे 82.77 करोड़ रुपये की हैं और पीएमएलए के प्रावधानों के तहत पिछले साल एक दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अनंतिम रूप से कुर्क की गई थीं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, “संपत्तियों में ‘पल्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल' नाम का एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल, ‘पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर' नाम का एक डायग्नोस्टिक सेंटर, उनके संयंत्र और मशीनरी और रांची में स्थित दो भूखंड शामिल हैं.”
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की 2000 बैच की अधिकारी सिंघल को ईडी ने पिछले साल 11 मई को मनरेगा योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था. वह झारखंड खनन सचिव का पदभार संभाल रही थीं और उनकी गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था.
ईडी ने कहा, “अपराध की आय को पूजा सिंघल द्वारा अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके उत्पन्न अन्य बेहिसाब धन के साथ जोड़ा गया और कई स्तर पर ऐसा किया गया.” उसने कहा, “इस तौर-तरीके से, पूजा सिंघल ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की और इन अचल संपत्तियों में निवेश किए गए धन का स्रोत मुख्य रूप से अपराध की इन आय से उत्पन्न बेहिसाब नकदी थी.”
एजेंसी ने कहा कि सिंघल फिलहाल रांची की होटवार जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं और उन्हें “उनके द्वारा दायर जमानत याचिका के मामले में उच्चतम न्यायालय से किसी भी तरह की राहत नहीं मिली है”.
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