झारखंड में कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने रांची उनके आवास पर पहुंची है. रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
रांची प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जांच एजेंसी के कार्यालय और मुख्यमंत्री आवास के आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है. अधिकारी ने बताया कि पूछताछ खत्म होने तक मुख्यमंत्री आवास के पास यातायात की आवाजाही पर पाबंदियां रहेंगी.
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 जनवरी को एक पत्र भेजकर मुख्यमंत्री से 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था. जवाब में सोरेन ने ईडी से कहा कि वह 20 जनवरी को उनके आवास पर उनका बयान दर्ज कर सकती है.
एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कई आदिवासी संगठनों के प्रदर्शन के बीच जांच एजेंसी ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उन्हें मुख्यमंत्री से पूछताछ के दौरान सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने को कहा था.
ED की पूछताछ से पहले आदिवासियों ने निकाला मार्च
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निर्धारित पूछताछ की पूर्व संध्या पर कई आदिवासी संगठनों ने शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ रांची में मार्च निकाला. पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, 'सरना' धर्म के झंडों और सोरेन के पोस्टर लेकर सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने रांची के मोरहाबादी मैदान से मार्च निकाला और ईडी के खिलाफ प्रदर्शन किया. इन पोस्टरों पर लिखा था- "आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान करना बंद करो."
गौरतलब है कि सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने पहली बार 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन छह समन के बाद भी सीएम का पत्र ही ईडी दफ्तर पहुंचता रहा, लेकिन वह ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद सीएम को सातवां समन भेज आखिरी मौका देने की बात ईडी ने लिखी थी. सातवें समन पर भी उपस्थित नहीं होने के बाद ईडी ने कानूनी प्रकियाओं का उल्लेख करते हुए फिर से समन और पत्र भेज दिया था. जिसे ईडी का आठवां समन माना गया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बड़गाई में 4.55 एकड़ जमीन के मालिकाना हक और उसकी खरीद के विषयों पर पूछताछ होगी. इस जमीन के दस्तावेज 13 अप्रैल 2023 को बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के यहां से मिले थे ,तब पूछताछ में भानु और बड़गाईं सीओ मनोज कुमार ने इस जमीन को सीएम के होने की बात एजेंसी के अधिकारियों को बतायी थी.
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