- ED ने मेहुल चोकसी के बोरीवली के 4 फ्लैट्स लिक्विडेटर को सौंपे हैं, जिससे नीलामी जल्द शुरू होगी.
- ईडी ने करीब 310 करोड़ रुपए की अचल और चल संपत्तियां गीतांजलि जेम्स के लिक्विडेटर को सौंपी है.
- कोर्ट के आदेशानुसार नीलामी से मिले पैसे सीधे PNB और ICICI बैंक खातों में जमा कर पीड़ितों को लौटाया जाएगा.
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी पर प्रवर्तन निदेशालय लगातार अपना कब्जा कस रहा है. इसके तहत ईडी ने एक और कदम उठाया है. मुंबई जोनल ऑफिस ने बोरीवली (ईस्ट) में बने प्रोजेक्ट ‘तत्व – ऊर्जा ए विंग' में बने चार फ्लैट्स लिक्विडेटर को सौंप दिए हैं. इन फ्लैट्स का 21 नवंबर 2025 को हैंडओवर दिया गया. अब लिक्विडेटर इन संपत्तियों की नीलामी कर सकेगा, जिससे घोटाले के पीड़ितों, बैंकों और अन्य हकदारों को पैसे लौटाने की प्रक्रिया तेज होगी.
ईडी अब तक मुंबई, कोलकाता और सूरत में मौजूद करीब 310 करोड़ रुपए की अचल और चल संपत्तियां गीतांजलि जैम्स लिमिटेड के लिक्विडेटर को सौंप चुका है.
बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा
ED की जांच में सामने आया कि 2014 से 2017 के बीच मेहुल चोकसी ने अपने सहयोगियों और PNB बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट जारी करवाए, जिससे बैंक को 6097.63 करोड़ का नुकसान हुआ.
इसके अलावा उसने ICICI बैंक से लिया गया लोन भी डिफॉल्ट कर दिया.
ED ने करोड़ों की संपत्तियां अटैच की गई
जांच के दौरान ED ने 136 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की और 597.75 करोड़ के गहने/कीमती सामान जब्त किए. साथ ही 1968.15 करोड़ की अचल और चल संपत्तियां अटैच की गईं.
इनमें भारत और विदेशों में स्थित प्रॉपर्टी, फैक्ट्री, गाड़ियां, बैंक अकाउंट्स, लिस्टेड कंपनियों के शेयर और बड़ी मात्रा में ज्वैलरी शामिल है.
इस तरह कुल 2565.90 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त अटैक की गईं. ED ने अब तक इस मामले में तीन चार्जशीट दाखिल की हैं.
बैंकों को पैसे लौटाने की प्रक्रिया तेज
ED और बैंक मिलकर मुंबई की स्पेशल PMLA कोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक जॉइंट एप्लिकेशन दाखिल की थी. कोर्ट ने आदेश दिया कि ED लिक्विडेटर्स और बैंकों को संपत्तियों की वैल्यूएशन और नीलामी की प्रक्रिया में मदद करे. नीलामी से मिलने वाला पैसा सीधे PNB और ICICI बैंक के खातों में FD के रूप में जमा किया जाएगा, जिससे आगे चलकर इसे पीड़ितों को वापस दिया जा सके.
ED का कहना है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक, बची हुई संपत्तियां भी जल्द ही लिक्विडेटर और बैंकों को सौंप दी जाएंगी.














