प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एक बार फिर पेश नहीं होंगे. यह तीसरी बार है जब सीएम केजरीवाल ED के समन पर पूछताछ के लिए नहीं पहुचेंगे. आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. लेकिन वो ED की इस नोटिस को गैर-कानूनी मानते हैं. AAP के अनुसार ED की नीयत केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है. ED का समन अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकनेा चाहते हैं. यही वजह है कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें समन भेजा गया है.
बता दें कि दिसंबर में ही दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के दूसरे समन को ठुकराए जाने के एक दिन बाद एजेंसी ने उनको 3 जनवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा था. ऐसे में अब यदि आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल 3 जनवरी को तीसरी बार समन पर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए तो ईडी के पास उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट मांगने का विकल्प होगा.
'ये राजनीति से प्रेरित है'
ED के समन का जवाब देते हुए केजरीवाल ने इसे "राजनीति से प्रेरित और अवैध" बताया था. 'आप' प्रमुख ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपना जीवन पारदर्शिता और ईमानदारी से जीया है और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. केजरीवाल ने मामले के जांच अधिकारी को लिखे एक पत्र में कहा था कि व्यक्तिगत पेशी के लिए उनके खिलाफ जारी किया गया नोटिस “कानून के अनुरूप नहीं है” और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
क्या गिरफ्तार हो सकते हैं केजरीवाल ?
ऐसी भी चर्चाएं हैं कि सीएम केजरीवाल को पूछताछ के बाद ही गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि, सीएम केजरीवाल ने ईडी के इस समन को गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया है. बता दें कि गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट का सामना करने से पहले केजरीवाल केवल तीन बार सम्मन छोड़ सकते हैं. अगर वो तीन बार के बाद भी समन पर नहीं पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है साजिश- सौरभ भारद्वाज
ED के समन को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ED बार-बार पूछने पर भी नहीं बता रही कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को क्यों बुलाया है किस हैसियत से बुला रही है. ऐसे में ED के समन भेजे जाने की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव की तैयारी से पहले अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश कर रही है. ऐसा इसलिए ताकि मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव प्रचार में ना जा सकें. मैं आपको बता दूं कि इस मामले में बीते डेढ़ साल से जांच चल रही है. चार्जशीट के बाद किस स्टेज पर अरविंद केजरीवाल को क्यों बुलाया जा रहा है? इन सवालों के जवाब केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय को देने चाहिए. जांच एजेंसी ने मनीष सिसोदिया को 1 साल से गिरफ्तार किया हुआ है उनके खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर पाए हैं. आज नहीं तो कल मनीष सिसोदिया रिहा होंगे यह बात केंद्र सरकार भी जानती है. इसलिए अरविंद केजरीवाल को भी इस मुकदमे में गिरफ्तार करना चाहिए. विपक्ष के नेताओं को किसी न किसी मामले में गिरफ्तार करने की कोशिश हो रही है. रोजाना भाजपा नेताओं के खिलाफ बड़े-बड़े मामले हमारे सामने आते हैं लेकिन उनके मामले में कोई ED सीबीआई पूछताछ नहीं कर रही कोई गिरफ्तारी नहीं कर रही.
' भगौड़े जैसा व्यवहार कर रहे हैं केजरीवाल'
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार ईडी की समन पर पेश नहीं हो रहे हैं. भगौड़े की तरह बर्ताव कर रहे हैं केजरीवाल. क्योंकि उन्हें पता है कि उन्होंने अपराध तो किया है लेकिन अब विक्टिम कार्ड खेलने से कुछ नहीं होगा. विक्टिम कार्ड और हम कट्टर ईमानदार हैं, जैसी बात आपने तब भी कही थी जब मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए थे. सुप्रीम कोर्ट तक ने उन्हें राहत नहीं दी. संजय सिंह के लिए भी आपने यही कहा. उन्हें भी हाईकोर्ट तक से राहत नहीं मिली.
आपकी चहीती कांग्रेस पार्टी ने खुद कहा है कि शराब घोटाला हुआ है. हमने इसे लेकर मामला दर्ज कराया है. आप शराब घोटाले पर जवाब देने से बचने के लिए आप कहते हैं कि मैं चुनाव में व्यस्त हूं. और आपको नोटा से कम वोट आते हैं. कभी आप कहते हैं कि मैं विपश्यना में व्यस्त हूं. ये वही केजरीवाल हैं जो दूसरों के विषय में कहते थे कि पहले इस्तीफा बाद में जांच. आज केजरीवाल लालू यादव और राहुल गांधी जैसे लोगों के साथ हैं. यही असली केजरीवाल हैं.