उद्धव ठाकरे गुट के नेता अमोल कीर्तिकार को खिचड़ी घोटाले (Khichdi Scam) में ईडी ने समन भेजा है. अमोल कीर्तिकार को ईडी ने ये समन भेज आज पूछताछ के लिए बुलाया है. दरअसल मुंबई पुलिस ने पिछले साल 1 सितंबर को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक केस दर्ज किया था. इसमें बीएमसी के अधिकारियों के साथ कुछ व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा था कि इस पूरे घोटाले में बीएमसी (BMC) से 6.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. बाद में जब इस मामले की जांच की गई तो सामने आया है कि मजदूरों को खिचड़ी कम दी गई थी. जिसमें 250 ग्राम खिचड़ी की जगह लगभग 125 ग्राम ही दी गई. बाद में यह मामला ईडी को ट्रांसफर किया गया था.
क्या है खिचड़ी घोटाला मामला
देश में जब कोरोना महामारी का क़हर सब से अधिक था. तब बृहनमुम्बई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation-BMC) ने प्रवासी मजदूरों को खिचड़ी बांटने का फैसला किया था. इसमें तय हुआ था कि जो 5,000 हजार से अधिक फूड पैकेट बना सकता है उसे कांट्रैक्ट दिया जाएगा. इसमें तय हुआ था कि कॉन्ट्रैक्ट चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन, एनजीओ और कम्युनिटी किचन को दिए जाएंगे, इसमें एक शर्त रखी गई थी कि खिचड़ी बांटने का लाइसेंस उसी को मिलेगा. जिसके पास किचन और स्वास्थ्य विभाग का प्रमाणपत्र होगा.
एफआईआर में कहा गया है बीएमसी ने नियमों की अनदेखी की गई और नियमों के उलट कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए गए. फोर्स वन मल्टी सर्विसेज़ खिचड़ी उपलब्ध कराने के मानदंडों में फिट नहीं बैठती थी क्योंकि उसके पास फ़ूड लाइसेंस नहीं था. इसलिए, फर्म ने इसे एक अन्य फर्म स्नेहा कैटरर्स का काम दे दिया गया था. इस मामले में मुंबई पुलिस ने पिछले साल 1 सितंबर को आर्थिक अपरा शाखा (EOW) ने एक केस दर्ज किया था.
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