प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने बुधवार को कहा कि उसने केरल के मलप्पुरम स्थित एक ज्वेलरी हाउस के मालिक के परिसर में बने एक ‘गुप्त' कक्ष से 2.51 करोड़ रुपये मूल्य का सोना जब्त किया है. यह कारोबारी कथित रूप से ‘राजनयिक सामान के माध्यम से हुई सोने की तस्करी' का लाभार्थी है. संघीय एजेंसी ने बयान जारी कर बताया कि यह कार्रवाई अबूबकर पाजेदाथ के खिलाफ की गयी है जो ‘मालाबार ज्वेलरी' और ‘फाइन गोल्ड ज्वेलरी' का मालिक है. दोनों आभूषण दूकान केरल के मलप्पुरम में स्थित है. अबूबकर कोझीकोड़ स्थित एटलस गोल्ड सुपर मार्केट प्राइवेट लिमिटेड का शेयरधारक भी है. केरल के तिरुवनंतपुरम में पांच जुलाई, 2020 को हवाई अड्डे पर संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान से करीब 15 करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और सीमा शुल्क विभाग इस जब्ती के साथ सामने आए गिरोह की अलग-अलग जांच कर रहे हैं. ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि ‘‘मलप्पुरम का अबूबकर स्वर्ण तस्करी के उस सिंडिकेट का हिस्सा है, जिसकी अगुवाई सरित पी एस, स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर द्वारा की गई और जिन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एम शिवशंकर का संरक्षण प्राप्त है.शिवशंकर केरल के मुख्यमंत्री का पूर्व प्रधान सचिव है और वह इस तस्करी के लाभार्थियों में शामिल है .
एजेंसी ने दावा किया, ‘‘सीमा शुल्क विभाग ने पांच जुलाई 2020 को तस्करी का जो सोना जब्त किया था, उनमें से तीन किलो अबुबकर का था.''एजेंसी ने कहा कि अबूबकर ने यह ‘‘स्वीकार'' किया है कि सीमा शुल्क द्वारा जब्त किये गये सोने में से तीन किलोग्राम सोना उसका था, इसके अलावा, उसने यह भी स्वीकार किया था कि उसने अतीत में इसी तरह से संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान के माध्यम से छह किलोग्राम और सोने की तस्करी कर चुका है.
इसने आरोप लगाया, ‘‘तस्करी किए गए सोने को खरीदने के लिये धनराशि उसकी व्यावसायिक कंपनियों (मालाबार ज्वेलरी, फाइन गोल्ड और एटलस गोल्ड सुपर मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड) से जुटाई गई थी. पूछताछ में पता चला है कि अबूबकर अब भी अपनी कंपनियों के माध्यम से सोने की तस्करी से संबंधित गतिविधियों में लिप्त है.''जांच एजेंसी ने कहा कि अबूबकर की उपरोक्त कंपनियों तथा उसके आवासीय परिसरों में छापेमारी की गयी और ‘‘गुप्त कक्ष'' से 5.058 किलोग्राम सोना बरामद किया गया, जिसकी कीमत 2.51 करोड़ रुपये है. इसके अलावा 3.79 लाख रुपये भी बरामद किये गये हैं. मामले में संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारियों सरित एवं सुरेश के अलावा नायर और आईएएस अधिकारी शिवशंकर को प्रवर्तन निदेशालय पहले ही गिरफ्तार कर चुका है और उनके खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप पत्र भी दायर किया जा चुका है.