ई-टेंडर घोटाले में भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित सहित 16 स्‍थानों पर ED की छापेमारी

जांच में पता चला था कि अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ कंपनियों को निजी फायदा पाने के लिए गलत तरीके से टेंडर दिए गए हैं. मामले में अभी तक कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
मध्‍य प्रदेश के ई टेंडर घोटाले में 16 स्‍थानों पर ईडी ने छापेमारी की है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

ई-टेंडर घोटाले (E-tendering scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED), मध्य प्रदेश के कई स्‍थानों सहित 16 जगहों पर छापेमारी कर रही है. यह पूरा घोटाला 3000 करोड़ रुपये का बताया गया है.वर्ष 2018 में शिवराज सिंह चौहान सरकार के शासन के दौरान 9 ई-टेंडर पर सवाल खड़े किए गए थे,अधिकारियों की मिलीभगत से सिस्टम में छेड़छाड कर ये टेंडर उनके करीबियों को दिए गए हैं. इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ (EOW) ने अप्रैल 2019 में केस दर्ज किया था. 

किसानों को COVID से सुरक्षा नहीं मिली, तो तबलीगी जमात जैसे हालात पैदा हो सकते हैं : CJI

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरु के कई स्थानों पर छापेमारी की की है. सूत्रों ने बताया कि सबूत जुटाने के लिए एजेंसी ने मामले में संलिप्त विभिन्न संदिग्धों के स्थानों पर इस सप्ताह की शुरुआत में छापेमारी अभियान शुरू किया और यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सहित भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरु में कम से कम 15-16 स्थानों पर छापेमारी की गई. बृहस्पतिवार को भी कुछ स्थानों पर छापेमारी जारी है. ईडी ने पिछले साल एक आपराधिक मामला दर्ज किया था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार के ई-टेंडर पोर्टल को निविदाओं में हेरफेर करने और अनुबंधों को हथियाने के लिए ''हैक'' किया गया था और कथित तौर पर भाजपा के शासन में यह हुआ था.मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार के दौरान पिछले साल एक मामला दर्ज किया था.

Advertisement

जांच में अब तक किसी भी तरह का राजनैतिक प्रभाव सामने नहीं आया था, बल्कि पता चला था कि अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ कंपनियों को निजी फायदा पाने के लिए गलत तरीके से टेंडर दिए गए हैं. मामले में अभी तक कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं. इसी मामले में मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत 16 लोकेशन्स पर ED की रेड चल रही हैं.ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रनिक डेवलपमेंट कर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएईडीसी) के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के संचालन का काम सॉफ्टवेयर कंपनियों के पास था. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में ई-टेंडरिंग घोटाले ने तूल पकड़ा था. तब यह बात सामने आई थी कि सॉफ्टवेयर कंपनियों के सहारे टेंडर हासिल करने वाली निर्माण कंपनियों ने मनमाफिक दरें भरकर अनधिकृत रूप से दोबारा निविदा जमा कर दी. इससे टेंडर चाहने वाली कंपनी को मिल गया.(भाषा से भी इनपुट)

Advertisement

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी

Featured Video Of The Day
BREAKING: Jhansi College Fire Case पर 3 तरह की जांच जारी, Uttar Pradesh Special Team का गठन
Topics mentioned in this article