अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े 25 ठिकानों पर ED रेड, दिल्ली से फरीदाबाद तक टीमों ने धावा बोला

ED Raid in Al Falah University: दिल्ली ब्लास्ट केस के बाद जांच के घेरे में आई अल फलाह यूनिवर्सिटी की वित्तीय अनियमितताओं की जांच हो रही है. उसके ओखला दफ्तर पर ईडी की छापेमारी हुई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ED Raid Al Falah University
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ईडी ने दिल्ली और फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी के 25 स्थानों पर छापेमारी की है
  • दिल्ली ब्लास्ट मामले में मनी लॉड्रिंग जांच के तहत ईडी ने यूनिवर्सिटी से जुड़े ट्रस्टियों के ठिकानों पर रेड की
  • दिल्ली लाल किले में हुए बम धमाके के आरोपियों का कनेक्शन अल फलाह यूनिवर्सिटी से जोड़ा गया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

ED Raid in Delhi Faridabad: दिल्ली ब्लास्ट से जांच के घेरे में आई अल फलाह यूनिवर्सिटी के ओखला मुख्यालय और उससे जुड़े 25 ट्रस्टियों के ठिकानों पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने छापेमारी की. दिल्ली के साथ फरीदाबाद में भी कई स्थानों पर रेड डाली गई. अल फलाह यूनिवर्सिटी ही आतंकियों का अड्डा बनी हुई थी.  जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने दिल्ली और फरीदाबाद में 25 स्थानों ये रेड की है. इसमें ओखला हेडक्वार्टर के साथ यूनिवर्सिटी से जुड़े ट्रस्टी की लोकेशन पर भी ईडी टीमें पहुंची हैं. दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट केस में एनआईए की जांच के साथ ईडी ने मनी लॉड्रिंग मामले की जांच के लिए एक केस दर्ज किया था. अल फलाह यूनिवर्सिटी के कामकाज में कई गंभीर अनियमितताओं की बात सामने आई है, जिसकी जांच में एजेंसियां जुटी हैं. 

ईडी की टीम अल फलाह यूनिवर्सिटी भी पहुंची है और वहां भी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. मालूम हो कि दिल्ली लाल किले में बम धमाका करने वाले डॉ. उमर उन नबी, डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल अहमद इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए थे. कई अन्य डॉक्टर भी इसी नेटवर्क का हिस्सा था. 

शेल कंपनियों का पता चला

ये कार्रवाई समूह से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं, शेल कंपनियों के इस्तेमाल, फर्जी लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का हिस्सा है. सूत्रों के अनुसार, अल फलाह ट्रस्ट और उससे संबंधित कई संस्थानों की भूमिका खंगाली जा रही है. समूह में आर्थिक मामलों की जिम्मेदारी संभालने  वाले लोगों तक भी जांच एजेंसियां पहुंच चुकी हैं.

एक ही पते पर 9 मुखौटा कंपनियां

छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने ग्रुप से जुड़ी 9 संदिग्ध शेल कंपनियों की गतिविधियों को जांच के दायरे में लिया है. ये सभी एक ही पते पर रजिस्टर्ड पाई गईं. शुरुआती जांच में कई ऐसे पैटर्न सामने आए हैं, जो शेल कंपनी परिचालन की ओर इशारा करते हैं.

न बिजली और पानी का इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक, घोषित ऑफिस में न कोई स्टाफ था. न बिजली और पानी का इस्तेमाल हो रहा था. अलग-अलग कंपनियों में एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल का इस्तेमाल हो रहा था. पीएफ का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. जबकि कागजों में बड़ा कारोबार दिखाया गया. कई कंपनियों में एक जैसे डायरेक्टर मिले. बैंक खातों से नाम मात्र का वेतन भुगतान था. एचआर रिकॉर्ड लगभग नदारद था.कंपनियों के गठन की एक जैसी टाइमलाइन और एक जैसी डिटेल मिली हैं.

यूनिवर्सिटी के संस्थापक फरार

यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को भी जांच एजेंसियां दो बार समन भेज चुकी हैं. लेकिन वो अभी तक पेश नहीं हुआ है. जावेद अहमद सिद्दीकी पहले ही वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है. सवाल है कि कैसे एक छोटा सा कॉलेज चलाने वाला सिद्दीकी 750 एकड़ में बनी यूनिवर्सिटी खड़ा कर सका. कैसे उसने 250 करोड़ रुपये भी उसने कैसे जुटा लिए. 
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi के भाषण के बाद Congress सांसद गौरव गोगोई का Vande Mataram पर जवाब
Topics mentioned in this article