प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक (Durgesh Pathak) से सरकार की विधायक दुर्गेश पाठक(Excise Policy) के संबंध में तकरीबन 11 घंटे तक पूछताछ की. बता दें दुर्गेश पाठक को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब नीति को लेकर पूछताछ के लिए समन भी भेजा था. हालंकि इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ED की पूछताछ पर सवाल उठाए थे. पाठक (34) पूछताछ के लिए पूर्वाह्न लगभग 11 बजे मध्य दिल्ली के एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित संघीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे. वह रात लगभग 8 बजकर 40 मिनट पर ईडी कार्यालय के बाहर निकले और वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से बात नहीं की.
‘आप' ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस कदम का वास्तविक लक्ष्य दिल्ली आबकारी नीति की जांच नहीं है बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बढ़ता राजनीतिक ग्राफ और राष्ट्रीय राजधानी के निगम चुनाव हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजेन्द्र नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पाठक का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि पाठक से इस मामले में उनकी भूमिका और एक मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ तथा मामले में आरोपी विजय नायर के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में पूछताछ की गई है. ईडी ने छह सितंबर को पहले दौर की छापेमारी के बाद पाठक के फोन की भी जांच की थी.
पिछले सप्ताह एजेंसी ने छापेमारी का दूसरा चरण शुरू किया था और विभिन्न राज्यों में 40 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पाठक को भेजे गए समन पर सवाल उठाया और पूछा कि एजेंसी शराब नीति को निशाना बना रही है या एमसीडी चुनावों को. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा माना जा रहा है कि उनसे इस मामले में उनकी भूमिका तथा एक मनोरंजन एवं इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ विजय नायर से कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की जाएगी. नायर इस मामले में आरोपी है.''
सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘ईडी ने आप के एमसीडी चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक को आज सम्मन भेजा है. हमारे एमसीडी चुनाव प्रभारी का दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से क्या लेना-देना है? उनके निशाने पर शराब नीति है या एमसीडी चुनाव?'' दिल्ली में एमसीडी चुनाव 270 वार्डों का परिसीमन पूरा होने के बाद इस साल के अंत तक होने की संभावना है. ईडी ने गत सप्ताह अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के संबंध में देशभर में 40 स्थानों पर छापे मारे थे. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है और सिसोदिया को बतौर आरोपी नामजद किया है. केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करने के बाद जुलाई में यह नीति वापस ले ली थी.