ED शिखर धवन से आज करेगी पूछताछ, ऑनलाइन बेटिंग एप केस में होंगे सवाल-जवाब

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से शिखर धवन एक अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है. इसी मामले में आज उनसे पूछताछ होगी.

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  • शिखर धवन को अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया है
  • इससे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना से भी 8 घंटे की लंबी पूछताछ हो चुकी है
  • एजेंसियों की तरफ से गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया था
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह क्रिकेट नहीं, बल्कि एक गंभीर जांच है. दरअसल आज ईडी धवन से पूछताछ करेगी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से उन्हें एक अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को आज सुबह 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है.

ईडी कर रही क्या जांच

आपको बता दें कि यह मामला अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़ा है, जिसके प्रचार में धवन की तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर विवाद भी सामने आया है. बताया जा रहा है कि फिलहाल अधिकारियों के अनुसार, ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या धवन की किसी भूमिका या सहमति के तहत यह प्रचार हुआ, और क्या इससे जुड़े वित्तीय लेन-देन मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आते हैं.

सुरेश रैना से भी हो चुकी पूछताछ

इससे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना से कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े धन शोधन मामले में आठ घंटे से अधिक पूछताछ हो चुकी है. तब सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने एक ‘‘अवैध'' सट्टेबाजी ऐप (1एक्सबेट) से जुड़ी जांच के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया. ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर कुछ विज्ञापनों के जरिए इस ऐप से जुड़े हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि ईडी इस ऐप से उनके संबंधों, इसके प्रचार से की गई कमायी और दोनों पक्षों के बीच संचार के माध्यम के बारे में पूछताछ करना चाहती है.

गूगल और मेटा से भी पूछताछ

एजेंसी ने हाल ही में इस जांच के तहत गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया था. उसने ‘परिमैच' नामक एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ इसी तरह की जांच के सिलसिले में कई राज्यों में तलाशी भी ली थी. एजेंसी विभिन्न अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े कई ऐसे मामलों की जांच कर रही है, जिनमें लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी किए जाने या भारी मात्रा में कर चोरी का आरोप है. बाजार विश्लेषण कंपनियों और जांच एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, ऐसे विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के लगभग 22 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से आधे (लगभग 11 करोड़) नियमित उपयोगकर्ता हैं.

भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी का कारोबार कितना बड़ा

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का बाजार 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का है और 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. सरकार ने पिछले महीने संसद को बताया था कि उसने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए मंच को ब्लॉक करने के लिए 2022 से जून 2025 तक 1,524 आदेश जारी किए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय मुख्यालय को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम) और आईजीएसटी अधिनियम के तहत एक उपयुक्त सरकारी एजेंसी के रूप में अधिकार प्राप्त है कि वह आईजीएसटी अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अपंजीकृत ‘मनी गेमिंग' मंच को ब्लॉक करने के लिए बिचौलियों को निर्देश दे.

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