अभिनेत्री तमन्ना भाटिया की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने इन दो मामलों में की पूछताछ

महादेव बैटिंग ऐप का मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ के भिलाई से मोबाइल के जानकार युवकों को साथ में दुबई ले गया था. फिर वहां विला किराए पर लेकर सट्टे का खेल शुरू किया गया.

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नई दिल्ली:

महादेव सट्टा ऐप घोटाला मामले में जांच एजेंसी गुवाहाटी दफ्तर में फिल्म अभिनेत्री तमन्ना भाटिया से पूछताछ कर रही है. तमन्ना इस घोटाले में आरोपी नहीं है, लेकिन इस ऐप को प्रमोट करने के मामले में उनसे ये पूछताछ की जा रही है. ईडी तमन्ना भाटिया से HPZ ऐप घोटाला मामले में भी जानकारी इकट्ठा कर रही है.

महादेव बैटिंग ऐप के सब्सिडरी एप Fair Play App पर IPL के मैच को प्रमोट करने का आरोप है. इस ऐप पर IPL का मैच अवैध तरीके से दिखाया गया था, जिससे Viacom को 1 करोड़ का नुकसान हुआ था.

इस ऐप के जरिए लोगों को 57 हजार रुपये लगाने पर प्रतिदिन 4 हजार रुपये देने का वादा कर करोड़ों रुपये ठगे गए. इस ठगी के लिए शेल कंपनियों के नाम पर फर्जी अकाउंट अलग-अलग बैंको में खोले गए, जिनमें इन्वेस्टर्स से पैसे ट्रांसफर करवाए गए.

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गौरतलब है कि महादेव सट्टा ऐप के सरगना सौरभ चंद्राकर को दुबई में हिरासत में लिया गया था, इसके बाद अब सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और उम्मीद है कि जल्द ही उसे भारत डिपोर्ट कर दिया जाएगा. महादेव सट्टा ऐप के तार नोएडा से भी जुड़े हुए हैं और यहां पर हुई बड़ी कार्रवाई के बाद सारे दस्तावेज ईडी को सौंपे गए थे. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी और महज डेढ़ महीने में ही 400 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन का पता नोएडा पुलिस ने लगाया था.

माना जा रहा है कि नोएडा पुलिस से मिले इनपुट और कार्रवाई के चलते ही इस मास्टरमाइंड पर शिकंजा कसा जा सका है. नोएडा के थाना सेक्टर-39 पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड करने वाले गैंग का पर्दाफाश करने के बाद सौरभ चंद्राकर के एक अहम साथी सचिन सोनी को 10 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. ये वो शख्स था जो गैंग के अन्य लोगों से सौरभ चंद्राकर की डील करवाता था. सचिन सोनी ही इंडिया में वो मेन किंगपिन था, जिसने सेक्टर-108 में मकान (डी-309) के मालिक से वेब डिजाइनिंग के काम के लिए 68,000 किराये प्रतिमाह पर घर लिया था.

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आरोपियों द्वारा बिल्डिंग से बाहर जाते और अंदर आते समय मेन गेट पर ताला लगाया जाता था. जिससे स्थानीय लोगों को ये लगे कि बिल्डिंग में कोई नहीं रहता है. सचिन सोनी घर के अंदर मौजूद गैंग के अन्य सदस्यों के लिए अनसफ खान द्वारा रोजमर्रा की जरूरत का सामान उपलब्ध कराया करता था.

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पकड़े गए आरोपी कस्टमर को गेम खेलने और वेबसाइट चुनने के डेमो देते थे. फिर कस्टमर द्वारा उसमें से अपनी पसंदीदा वेबसाइट जैसे क्रिकेटबज.कॉम, बेटभाई.कॉम, स्काई 1एक्सचेंज.कॉम आदि वेबसाइट गेम खेलने के लिए चुनी जाती थी. फिर कस्टमर को पेमेंट करने के लिए फोन पे, गूगल पे, पेटीएम, अकाउंट डिटेल, स्कैनर यूपीआई आदि पर पैसे ट्रांसफर करने के ऑप्शन दिए जाते थे. जिसमें कस्टमर कम से कम 100 रुपये और ज्यादा से ज्यादा जितना भी चाहता है, लाखों रुपये तक डिपॉजिट कर सकता था.

उसके बाद कस्टमर महादेव बुक के नंबर पर पैसा जमा करने का स्क्रीन शॉट या स्लिप भेजता था, इसके बाद कस्टमर अपने पैसों से ऑनलाइन गेम जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, इलेक्शन, कबड्डी, तीन पत्ती, कसीनो, रोलिट, ड्रेगन टाइगर, लाइव कसीनो ताश के पत्तों के अनेक गेम खेलते था. इसमें कस्टमर अपना पैसा हार-जीत करने के लिए लगाता था.

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इस गैंग का मुख्य काम कस्टमर द्वारा कम पैसा लगाने पर जीता हुआ पैसा कस्टमर को लालच देने के उद्देश्य से उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था. यदि कस्टमर अधिक पैसा लगाने पर जीत जाता था तो जीतने से पहले ही उसकी आईडी को ब्लॉक कर उसका पैसा अपने फर्जी खाते से विड्रॉल कर लिया जाता था.

इसका मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ के भिलाई से मोबाइल के जानकार युवकों को साथ में दुबई ले गया था. दुबई में विला किराए पर लेकर सट्टे का खेल शुरू किया गया था. फिर इस खेल का नेटवर्क पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका समेत 11 देशों में फैला दिया गया था. सौरभ महादेव बुक, रेड्डी अन्ना बुक और अंबानी बुक का संचालन करने लगा. अलग-अलग देशों में इसके सहयोगी ऑनलाइन सट्टा चला रहे हैं.

सौरभ चंद्राकर दुबई से आनलाइन सट्टा ऑपरेट कर रहा है. महादेव बुक कथित तौर पर प्रति माह 250-300 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है.

गौरतलब है कि नोएडा पुलिस ने इंटरनेशनल गेमिंग बेटिंग साइट (महादेव गेमिंग ऐप) के 18 लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है. नोएडा पुलिस ने इस गैंग का फरवरी 2023 में खुलासा किया था. अलग-अलग जगहों से इससे जुड़े आरोपी गिरफ्तार किए गए थे. पुलिस ने इस मामले में यूपी के अलग-अलग शहरों के 18 लोगों को गिरफ्तार किया था. इन लोगों ने पकड़े जाने से पहले महज डेढ़ महीने में ही 400 करोड़ रुपए से ज्यादा के ट्रांजैक्शन किए गए थे. पुलिस की जांच में पता चला था कि इनका सरगना दुबई से बैठकर यहां गेमिंग को ऑपरेट कर रहा है. डी-कंपनी से भी ये मामला जुड़ा हुआ है.

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