ED ने 4,500 करोड़ रुपये के निवेश ‘धोखाधड़ी’ मामले में छापेमारी की

यह सेबी अधिनियम का उल्लंघन कर सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) के माध्यम से कथित धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें 50 लाख से अधिक निवेशकों को कथित तौर पर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का शिकार होना पड़ा.

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने मुंबई की एक कंपनी और उसके प्रवर्तकों द्वारा करीब 50 लाख जमाकर्ताओं के साथ 4,500 करोड़ रुपये की कथित निवेश धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में छापेमारी की है. संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड (पीसीएल), इसके पूर्व निदेशकों और अन्य के खिलाफ 28 फरवरी को छापे मारे गए.

यह सेबी अधिनियम का उल्लंघन कर सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) के माध्यम से कथित धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें 50 लाख से अधिक निवेशकों को कथित तौर पर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का शिकार होना पड़ा. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) अधिनियम, 1999 के तहत मामला दर्ज किया था और ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करने के लिए इसका संज्ञान लिया था.

ईडी ने कहा कि पैनकार्ड क्लब्स लिमिटेड और उसके निदेशकों ने तीन से नौ साल की अवधि के लिए विभिन्न निवेश योजनाएं शुरू कीं, जिनमें होटल में छूट, दुर्घटना बीमा और जनता द्वारा जमा की गई राशि पर उच्च दर से रिटर्न सहित अन्य लाभ का वादा किया गया। इस प्रकार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौजूदा मानदंडों की अनदेखी की गई.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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