- छांगुर बाबा के नेटवर्क के पास 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये जमा हैं, जिनमें अधिकांश पैसा मिडिल ईस्ट यानी मध्य पूर्व देशों से आया है.
- कर्नाटक में डबल मुआवजा घोटाले में एक ही जमीन के लिए दो बार मुआवजा लेने और मृतकों के नाम पर भुगतान का खुलासा हुआ है.
- ईडी देहरादून ने किशनचंद और ब्रिज बिहारी शर्मा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹1.75 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देशभर में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर शिकंजा कस रहा है. ईडी ने तीन बड़ी कार्रवाइयां की हैं, जो समाज, शासन और पर्यावरण से जुड़े घोटालों की परतें खोलती हैं. पहली कार्रवाई तथाकथित छांगुर बाबा पर हुई, जिस पर जबरन धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग से अवैध संपत्ति जुटाने के गंभीर आरोप हैं. दूसरी कार्रवाई कर्नाटक में डबल मुआवजा घोटाले में हुई, जिसमें करोड़ों की अवैध कमाई और संपत्ति जब्त की गई है. तीसरी कार्रवाई उत्तराखंड के कार्बेट टाइगर रिजर्व से जुड़ी है, जहां वन अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण किए और संपत्ति जुटाई.
आइए जानते हैं तीनों कार्रवाइयों के बारे में विस्तार से.
धर्मांतरण रैकेट और विदेशी फंडिंग: छांगुर बाबा पर ईडी का शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय ने लखनऊ एटीएस की एफआईआर के आधार पर छांगुर उर्फ जमालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. छांगुर बाबा पर आरोप है कि वह शिजरा-ए-तय्यबा नाम की किताब, धार्मिक भाषणों और विदेशी फंडिंग के जरिए जबरन धर्मांतरण करवा रहा था.
ATS ने 5 जुलाई को छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ के होटल से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सामने आया कि बाबा और उसके नेटवर्क के पास 40 बैंक खातों में ₹106 करोड़ जमा हैं, जिनमें अधिकतर पैसा मिडिल ईस्ट देशों से आया.
बाबा ने बहराइच-बालरामपुर में करीब ₹100 करोड़ की संपत्ति इकट्ठा की और बिना अनुमति निर्माण भी करवाया. ईडी ने जिला प्रशासन और एटीएस से इन संपत्तियों, खातों और कंपनियों की डिटेल मांगी है. कई बैंकों को ईमेल भेजकर ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड भी जुटाए जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चला दिया है.
कर्नाटक डबल मुआवजा घोटाला: करोड़ों की संपत्ति जब्त
बेंगलुरु स्थित ईडी की टीम ने कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB), धारवाड़ में हुए डबल मुआवजा घोटाले में रवि यल्लप्पा कुर्बेट को गिरफ्तार किया है. यह घोटाला पूर्व विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी वीडी सज्जन और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ था.
ईडी की जांच में सामने आया कि एक ही ज़मीन के लिए दो बार मुआवजा लिया गया. कुछ केसों में मुआवजा मृत व्यक्तियों या पहले से भुगतान प्राप्त कर चुके लोगों के नाम पर लिया गया. रवि कुर्बेट ने इस घोटाले से हुई कमाई से संपत्ति और ज़मीनें खरीदीं, जो अब जब्त कर ली गई हैं.
अब तक इस मामले में ₹13 करोड़ की संपत्ति अटैच हो चुकी है और 22 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए ट्रायल शुरू कर दिया है और ईडी बाकी कड़ियों की भी जांच कर रही है.
कार्बेट टाइगर रिजर्व घोटाला: ₹1.75 करोड़ की संपत्ति जब्त
ईडी देहरादून ने किशनचंद (पूर्व डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर, कालागढ़ टाइगर रिजर्व) और ब्रिज बिहारी शर्मा (पूर्व रेंजर, पाखरो रेंज) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹1.75 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की है. ये संपत्तियां हरिद्वार (उत्तराखंड) और बिजनौर (उत्तर प्रदेश) में स्थित हैं.
यह कार्रवाई उस एफआईआर के आधार पर हुई है जो विजिलेंस द्वारा IPC, फॉरेस्ट एक्ट, वाइल्डलाइफ एक्ट और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी. जांच में सामने आया कि इन्होंने बिना अनुमति कार्बेट पार्क में अवैध निर्माण किए, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ.
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, इन अधिकारियों ने घोटाले से अर्जित धन को अपने परिवार के नाम पर संपत्तियों में लगाया. इनमें राजलक्ष्मी शर्मा (ब्रिज बिहारी की पत्नी) और किशनचंद के दोनों बेटों – अभिषेक कुमार सिंह और युगेंद्र कुमार सिंह – के नाम शामिल हैं.
(इनपुट: अनुष्का, देहरादून)