अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके (Afghanistan Earth Quake) महसूस किए गए हैं. जिसका असर दिल्ली-एनसीआर तक देखने को मिला है. अफगानिस्तान में इतना तेज भूकंप आया कि दिल्ली-एनसीआर में भी धरती कांप उठी है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई है. यह भूकंप 255 किमी. धरती की गहराई में दर्ज किया गया है. अफगानिस्तान के समय के हिसाब से भूकंप 11 बजकर 26 मिनट पर आया, जिसका असर दिल्ली तक देखा गया.ये भूकंप का काबुल से कुछ ही दूरी पर आया था.
धरती हिलते ही वहां के लोग घरों से बाहर निकलने लगे. अब तक जान-माल के नुकसान की कोई भी खबर सामने नहीं आई है. जब भी अफगानिस्तान में भूकंप आता है, इसका असर दिल्ली तक महसूस किया जाता है. आज भी दिल्ली,नोएडा और गाजियाबाद इन झटकों से कांप उठा.
अफगानिस्तान में दो हफ्ते पहले भी हिली थी धरती
दो हफ्ते पहले भी अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.8 मापी गई थी. हालांकि इससे जान-माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ था. जैसे ही धरती कांपी, लोग घर से बाहर निकलने लगे. भूकंप के लिहाज से अफगानिस्तान काफी संवेदनशील है. इससे पहले ताइवान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. आज एक बार फिर से अफगानिस्तान में भूकंप आया है.
2023 में भूकंप से हुई थी 4 हजार मौतें
अफगानिस्तान में साल 2023 में आए भूकंप ने बहुत ही तबाही मचाई थी. इस दौरान करीब 4 हजार लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 9 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 13 हजार घरों को नुकसान पहुंचा था. उस दौरान भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई थी.
क्यों आता है भूकंप?
- जमीन के भीतर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है.
- बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. दबाव बनने पर प्लेट्स टूटने लगती हैं.
- नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
भूकंप से खुद के कैसे करें सुरक्षित?
विशेषज्ञ ऐसे कई उपाय बताते हैं, जिससे भूकंप के बाद होने वाले खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नुकसान को कम करने और जान बचाने के लिए कुछ तरकीबें हैं, जिनसे मदद मिल सकती है.
- भूकंप के समय अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों वगैहर से दूर रहें. टजब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें.
- चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें.
- ऐसे पुल और सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो या पहुंच सकता हो.