उत्तर प्रदेश के मेरठ का एक मुस्लिम परिवार 'सांप्रदायिक सद्भाव' का संदेश देते हुए इस साल भी दशहरा उत्सव से पहले महाकाव्य रामायण के पात्रों रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले बनाने के लिए शिमला पहुंचा है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दशहरा के अवसर पर शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर में रावण का पुतला दहन करेंगे.
रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के ये पुतले कई वर्षों से मुस्लिम परिवारों के लोग ही बनाते आ रहे हैं. इस साल, मेरठ के मुस्लिम परिवार की तीसरी पीढ़ी राक्षस राजा और रामायण के अन्य पात्रों के पुतले बनाने के लिए जाखू मंदिर पहुंची. इस मुस्लिम परिवार के सदस्य मोहम्मद असलम ने कहा, "हम हर साल दशहरे के दौरान शिमला आते हैं. दशहरे की तैयारियों में शामिल होकर हमें बहुत खुशी होती है. हम तीन पीढ़ियों से मूर्तियां और पुतले बना रहे हैं. रावण के पुतले की ऊंचाई हमने 45 फीट रखी है. वहीं, कुंभकर्ण और मेघनाद क्रमशः 35 और 30 फीट के हैं. हमें यहां काम करना शुरू किए एक सप्ताह हो गया है. हम एक उदाहरण स्थापित करना चाहते हैं और यहां सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश फैलाना चाहते हैं."
युवकों ने खुद को मेरठ निवासी राहत हुसैन का वंशज बताया, जिनका परिवार पिछले 70 वर्षों से दशहरे के लिए पुतले बनाने का काम कर रहा है. राहत के तीन बेटे मोहम्मद असलम, मोहम्मद अदील और मोहम्मद आरफीन पिछले 15 दिनों से शिमला के जाखू मंदिर में पुतले तैयार कर रहे हैं. पुतले तैयार होने तक ये लोग जाखू मंदिर में ही रहते हैं और इनके भोजन की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन द्वारा की जाती है.
ये भाई जाखू के अलावा शिमला के संकट मोचन मंदिर, शोघी और सुन्नी इलाकों के लिए भी पुतले बनाने का काम करते हैं. देशभर में मंगलवार को दशहरा का त्योहार खास हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. कुल्लू जिले में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला दशहरा उत्सव की शुरुआत करेंगे.
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