ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के निशाने पर था उरी हाइड्रो प्लांट, 19 बहादुर जवानों ने ऐसे बचाया

बम-गोलों की बारिश में जब हर तरफ धमाके हो रहे थे, तब CRPF कमांडेंट रवि यादव की अगुवाई में उप कमांडेंट मनोहर सिंह और सहायक कमांडेंट सुभाष कुमार ने पूरी टीम को संभाला जवानों ने गोले कहां गिर रहे हैं, उसकी दिशा का तुरंत पता लगाया, सुरक्षित जगह चिह्नित की और आसपास के गांव और परियोजना के आवासीय इलाके में रहने वाले लोगों को बंकरों तक पहुंचाया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पाकिस्तान की साजिश को सीआरपीएफ ने किया नाकाम.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत ने मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.
  • पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन के दौरान उरी सेक्टर में हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट को निशाना बनाने की कोशिश की थी.
  • CRPF जवानों ने ड्रोनों को मार गिराकर और बमबारी के बीच 250 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

पहलगाम आतंकी हमले का पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में LoC के पास हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट को टारगेट करने की कोशिश की थी. उरी के इस प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त थी कि सुरक्षा में तैनात CRPF जवानों ने इस हमले को नाकाम कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था. ये जानकारी मंगलवार को CRPF की तरफ से दी गई.

ये भी पढ़ें- हमें ज्ञान ना दे पाकिस्तान... राम मंदिर कार्यक्रम पर PAK ने की बयानबाजी तो भारत ने लगाई फटकार

प्लांट को निशाना बनाने वाले ड्रोन ऐसे हुए ध्वस्त

सीआरपीएफ ने ये बयान ऐसे समय में दिया जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने वाले 19 जवानों को डीजी डिस्क देकर सम्मानित किया. इन जवानों ने मई महीने में पाकिस्तानी सेना की तरफ से उरी के हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट को निशाना बनाने वाले ड्रोनों को मार गिराया था. उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना 250 जवानों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया था.

उरी हाइड्रो पावर प्लांट को था बड़ा खतरा

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर 6 और 7 मई 2025 की रात को चलाया गया था. भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान और पीओके अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकाने को तबाह कर दिया था. जवाब में पाकिस्तानी सेना ने उरी सेक्टर में भयंकर गोलाबारी शुरू कर दी. हजारों गोले बरसाए गए. सबसे ज्यादा खतरा उरी हाइड्रो पावर परियोजना के दो बड़े प्लांट को था जो राष्ट्रीय महत्व की संपत्ति हैं और नियंत्रण रेखा से सिर्फ आठ से दस किलोमीटर दूर हैं.

CRPF जवानों ने लोगों को बंकरों तक पहुंचाया

बम-गोलों की बारिश में जब हर तरफ धमाके हो रहे थे, तब सीआईएसएफ के जवान सबसे आगे डटे रहे. कमांडेंट रवि यादव की अगुवाई में उप कमांडेंट मनोहर सिंह और सहायक कमांडेंट सुभाष कुमार ने पूरी टीम को संभाला जवानों ने गोले कहां गिर रहे हैं, उसकी दिशा का तुरंत पता लगाया, सुरक्षित जगह चिह्नित की और आसपास के गांव और परियोजना के आवासीय इलाके में रहने वाले लोगों को बंकरों तक पहुंचाया.

पाक सेना के ड्रोनों को मार गिराया

घर-घर जाकर औरतों, बच्चों, परियोजना के कर्मचारियों और उनके परिवार वालों को निकाला गया. कुल ढाई सौ से ज्यादा आम नागरिकों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया. गोले उनके घरों के बिल्कुल पास गिर रहे थे, फिर भी जवान नहीं रुके. दुश्मन के ड्रोन को मार गिराया, हथियारों के गोदाम को बचाया, संचार व्यवस्था को बनाए रखा और बंकरों को मजबूत किया. सबसे बड़ी बात यह रही कि इतनी भारी गोलाबारी में एक भी आम नागरिक को खरोंच तक नहीं आई और परियोजना को कोई नुकसान नहीं हुआ. CRPF महानिदेशक ने कहा कि इन जवानों ने बल की सबसे ऊंची परंपराओं को कायम रखा. गोले बरस रहे थे, मौत सामने खड़ी थी, फिर भी ये घर-घर गए और लोगों की जान बचाई. यह सुरक्षा और सेवा भाव का जीता-जागता उदाहरण है.

Advertisement

इनपुट- भाषा के साथ

Featured Video Of The Day
Salman Khan के बंगले पर Firing करने के मामले में 5 के खिलाफ आरोप तय | Breaking News