ISRO का GSLV-F10 मिशन फेल : तकनीकी खामी से EOS-03 लॉन्चिंग में आई अड़चन

ISRO Mission Fail: EOS-03 एक अत्याधुनिक फुर्तीली अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है जिसे GSLV-F10 द्वारा जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा जाना था. इसके बाद, उपग्रह अपने ऑनबोर्ड प्रोपल्सन सिस्टम का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा ( Geostationary orbit) में पहुंच जाता.

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ISRO Mission: EOS-03 एक अत्याधुनिक फुर्तीली अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज सुबह 5.43 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, EOS-03 लॉन्च किया लेकिन तकनीकि कारणों से यह सफल नहीं हो सका. ISRO ने बताया कि क्रायोजेनिक चरण में एक तकनीकि खामी के कारण मिशन ''पूरी तरह से पूरा नहीं किया जा सका.'' 

ISRO ने ट्वीट किया है, "GSLV-F10 का प्रक्षेपण आज निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 0543 बजे IST पर हुआ. पहले और दूसरे चरण का प्रदर्शन सामान्य रहा. हालांकि, क्रायोजेनिक अपर स्टेज इग्निशन तकनीकी खामी के कारण नहीं हो सका. उद्देश्य के अनुसार मिशन को पूरा नहीं किया जा सका."

EOS-03 एक अत्याधुनिक फुर्तीली अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है जिसे GSLV-F10 द्वारा जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा जाना था. इसके बाद, उपग्रह अपने ऑनबोर्ड प्रोपल्सन सिस्टम का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा ( Geostationary orbit) में पहुंच जाता. अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट की मुख्य विशेषता यह है कि यह चिन्हित किये गए किसी बड़े क्षेत्र क्षेत्र की वास्तविक समय की छवियां लगातार अंतराल पर भेजता रहेगा.

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इससे प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद मिल सकती है. यह उपग्रह कृषि, वानिकी, जल निकायों के साथ-साथ आपदा चेतावनी, चक्रवात निगरानी, बादल फटने या आंधी-तूफान की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने वाला है.

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