कोविड महामारी (Covid-19) और करीब 50 करोड़ रुपये के परीक्षा शुल्क की अदायगी में प्रक्रियागत देरी की वजह से दिल्ली वन विभाग (Delhi forest department) में 211 वन गार्ड (Forest Guard) की नियुक्ति अटक गई है. विभाग पहले से ही कर्मियों की भारी कमी से जूझ रहा है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) (NGT) ने जुलाई 2019 में वकील आदित्य प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए विभाग को जल्द से जल्द रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया था. नवंबर 2019 में एनजीटी ने चार महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का फिर से निर्देश दिया था.
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अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने नवंबर 2019 में ऑनलाइन परीक्षा एवं मूल्यांकन सेवा को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड से ईडीसीआईएल इंडिया लिमिटेड को सौंप दिया था और 226 स्वीकृत पदों को भरने के लिए दिसंबर में विज्ञापन जारी किया था जिनमें वन रेंजर के चार, वन गार्ड के 211 और वन्यजीव गार्ड के 11 पद शामिल हैं.
ईडीसीआईएल मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का लघु रत्न है. इसने पिछले साल मार्च में वन रेंजर और वन्य जीव गार्ड के लिए परीक्षा आयोजित की थी. अंतिम परिणाम जनवरी 2021 में घोषित किए गए थे.
इस संबंध में एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “वन्यजीव गार्ड सेवा में शामिल हो गए हैं और वे शहरभर में वन्यजीव बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे हैं. रेंजर 18 महीने लंबा प्रशिक्षण कर रहे हैं. हालांकि, महामारी और परीक्षा एजेंसी को 50 करोड़ रुपये से अधिक का परीक्षा शुल्क जारी करने में प्रक्रियात्मक देरी ने वन गार्ड की भर्ती में बाधा उत्पन्न की है.”
वहीं, एक अन्य अधिकारी के अनुसार, वन गार्ड के लिए ऑनलाइन परीक्षा पिछले साल अप्रैल में होनी थी, लेकिन महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया और यह बाद में इस साल मार्च में आयोजित की गई. उन्होंने कहा, “कुछ प्रक्रियागत मुद्दों के कारण (परीक्षा शुल्क के) भुगतान में देरी हुई और इस उद्देश्य के लिए आवंटित बजट 31 मार्च के बाद समाप्त हो गया. इसे फिर से शुरू किया गया है. फाइल वित्त विभाग में लंबित है.”
तीसरे अधिकारी ने कहा, “ईडीसीआईएल ने परिणाम तैयार कर लिया है और हमने परीक्षा शुल्क के भुगतान में तेजी लाने के लिए काफी प्रयास किए हैं, लेकिन इसका भुगतान 31 दिसंबर के बाद ही होने की उम्मीद है.”अधिकारियों के मुताबिक, भर्ती प्रक्रिया में शारीरिक परीक्षण और दस्तावेज़ों का सत्यापन भी शामिल है जो लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद किया जाता है. परीक्षा शुल्क का भुगतान करने के बाद, शेष प्रक्रिया को पूरा करने में छह महीने तक का समय लग सकता है. उन्होंने माना कि कर्मचारियों की कमी की वजह से वन कानूनों का जमीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना कठिन है.
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