एक नवंबर से नहीं खुल सकेगा Dudhwa National Park, सैलानियों को और करना होगा इंतजार

दुधवा बाघ अभयारण्य के उप निदेशक कैलाश प्रकाश ने बताया कि पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश और शारदा नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में जगह-जगह भारी जलभराव हो गया है

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
लखीमपुर खीरी:

बेमौसम बारिश और बनबसा बांध से भारी मात्रा में पानी शारदा नदी में छोड़े जाने के कारण बाढ़ की आशंका के मद्देनजर यूपी का दुधवा राष्ट्रीय उद्यान ( Dudhwa National Park) पर्यटकों के लिए इस साल एक नवंबर से नहीं खुलेगा. इस संबंध में एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. दुधवा बाघ अभयारण्य के उप निदेशक कैलाश प्रकाश ने शनिवार को बताया कि पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश और शारदा नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में जगह-जगह भारी जलभराव हो गया है. इस वजह से यह उद्यान इस बार एक नवंबर को पर्यटकों के लिए नहीं खोला जा सकेगा. 

जंगल की ओर जाने वाले रास्तों पर कीचड़ पसरा 

उन्होंने बताया कि जलभराव के कारण जंगल की ओर जाने वाले रास्ते कीचड़ से भर गए हैं. इसकी वजह से स्थितियों में सुधार होने तक पर्यटकों के आने की इजाजत नहीं होगी. उप निदेशक ने बताया कि अगले हफ्ते स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की जाएगी, जिसमें उद्यान को पर्यटकों के लिए खोलने की तिथि तय होगी. गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रदेश में अनेक स्थानों पर बेमौसम बारिश हुई. इसकी वजह से जगह-जगह फसलों को भारी नुकसान हुआ है. 19 अक्टूबर को उत्तराखंड के बनबसा बांध से 533000 क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया था. इसके कारण लखीमपुर खीरी और पड़ोसी देश नेपाल के भी कई हिस्सों में बाढ़ आ गई थी. खीरी के सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए थे और रेल पटरियों तथा सड़कों को भी नुकसान हुआ था. दुधवा बाघ अभयारण्य तथा किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य के सभी 26 वन क्षेत्र जलमग्न हो गए थे.

ये भी पढ़ें- अजगर ने सियार की गर्दन को कसकर जकड़ लिया, लेकिन वहीं पास बैठी तितली पर ठहर गईं सबकी नज़रें, क्या आपने देखी ?

Advertisement

उप निदेशक ने बताया कि हालांकि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो गया लेकिन उद्यान में अब भी जगह-जगह जलभराव है. इसकी वजह से इस अभयारण्य को अभी पर्यटकों के लिए खोलना उचित नहीं है. दुधवा बाघ अभयारण्य में करीब 106 बाघ, 42 गैंडे तथा हिरण और परिंदों की 400 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं.  इससे पहले दुधवा बाघ अभयारण्य को हर साल 15 नवंबर को खोला जाता था लेकिन वर्ष 2020 से इसे एक नवंबर से ही खोलने का फैसला लिया गया था. बहरहाल, कोविड-19 महामारी की वजह से इस राष्ट्रीय उद्यान को लंबे वक्त तक बंद रखना पड़ा था.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: महाराष्ट्र में मतदान का 30 साल का रिकॉर्ड टूटा. क्या है जनता का पैगाम?