देश में नशीले पदार्थों के कारोबारियों के खिलाफ शिकंजा लगातार कसा जा रहा है. गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) की संयुक्त टीम ने भोपाल में नशीले पदार्थ बनाने वाली एक फैक्ट्री (Drug Factory) का भंडाफोड़ किया है. इस फैक्ट्री से 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा की ड्रग्स बरामद की गई है. साथ ही दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी कामयाबी मिली है. इस मामले में भोपाल के रहने वाले अमित चतुर्वेदी और नासिक के रहने वाले सान्याल बाने को गिरफ्तार किया गया है. दोनों मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स के अवैध निर्माण और बिक्री में शामिल थे.
907 किलो एमडी ड्रग्स की बरामदगी
उन्होंने बताया कि इसके बाद गुजरात एटीएस और एनसीबी ऑपरेशंस की संयुक्त टीम ने 5 अक्टूबर को बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया में छापा मारा. यह फैक्ट्री भोपाल के बाहरी इलाके में है और इसमें नशीली दवा मेफेड्रोन (एमडी) के निर्माण की प्रक्रिया चल रही थी.
इस दौरान कुल 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (ठोस और तरल दोनों रूप में) पाया गया. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस इसकी अनुमानित कीमत करीब 1814.18 करोड़ रुपये है.
इसके साथ ही टीम को करीब 5000 किलो मेफेड्रोन (एमडी) के उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री मिली है. साथ ही ग्राइंडर, मोटर, कांच के फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण भी पाए गए हैं. इस सामग्री को आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है.
5 साल जेल में रह चुका है आरोपी बाने
इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी सान्याल प्रकाश बाने को 2017 मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में एमडी जब्ती मामले में गिरफ्तार किया गया था.
5 साल जेल में रहने के बाद उसने अपने साथियों के साथ फिर से साजिश रची थी. वहीं अमित चतुर्वेदी ज्यादा पैसा कमाने के लिए अवैध रूप से मेफेड्रोन (एमडी) का निर्माण और बिक्री करता था.
25 किलो एमडी ड्रग्स होता था रोज तैयार
इसके लिए उन्होंने बगरोदा में 6-7 महीने पहले एक फैक्ट्री किराए पर ली थी और करीब दो-तीन महीने पहले मशीनें लगाई गई थीं. आरोपियों ने मेफेड्रोन के अवैध उत्पादन के लिए कच्चा माल और उपकरणों को एकत्रित किये थे.
जब्त की गई फैक्ट्री करीब 2500 गज के शेड में चल रही थी और यह गुजरात एटीएस द्वारा भंडाफोड़ की गई अब तक की सबसे बड़ी अवैध ड्रग्स फैक्ट्री है. यहां पर रोजाना करीब 25 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) तैयार होता था. इस ड्रग्स को किसे बेचा जा रहा था, इसकी जांच एनसीबी और गुजरात एटीएस कर रही है.